नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर लगातार मचे बवाल के कारण उत्तर प्रदेश के कई शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने इंटरनेट सेवाएं बाधित करने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से इस मामले पर जवाब तलब किया है. अदालत ने सरकार को अगले कार्य दिवस पर हलफनामे के जरिए अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. हालांकि अदालत ने कहीं भी इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का आदेश नहीं दिया है.
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मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने की. चीफ जस्टिस ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इंटरनेट आम लोगों की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. इसके कारण न सिर्फ जरूरी सेवाएं प्रभावित हुई हैं बल्कि आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ है. अदालत ने कहा कि इंटरनेट सेवाएं बेहद विपरीत परिस्थितियों में बंद होनी चाहिए.
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इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय और सीनियर एडवोकेट रवि किरण जैन समेत कई दूसरे वकीलों ने चीफ जस्टिस के कोर्ट में इंटरनेट सेवाओं के बंद होने की जानकारी दी.
गाजियाबाद में 3500 लोगों पर मुकदमा दर्ज
गाजियाबाद में शुक्रवार को हुए बवाल में तकरीबन 3500 बवालियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. सरकारी काम मे बाधा, तोड़फोड़ एवं जानलेवा हमले की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है. अलग-अलग थाना क्षेत्र में 255 लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है. 66 बवालियों को गिरफ्तार किया गया है. कोतवाली घंटाघर, साहिबाबाद, मुरादनगर, और लोनी थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज हुई है.
सीतापुर में CAA और NRC को लेकर प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को विरोध किया. पुराने सीतापुर में लोग दुकान बंद कर सड़कों पर उतरे. उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में 500 से अधिक उपद्रवियों के खिलाफ सदर कोतवाली व मऊ दरवाजा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो