उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 60 एवं 65 प्रतिशत कटऑफ की मांग मानते हुए शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है. कोर्ट ने सहायक अध्यापकों को मांग को मानते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच के फैसले के बाद अब जल्द अध्यापकों की भर्ती शुरू होगी.
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में अपना अहम फैसला सुना दिया है. न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाई. कोर्ट ने कटऑफ अंक बढ़ाने के सरकार के फैसले को सही बताया है. कोर्ट ने छह महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है. यह भर्ती प्रक्रिया पिछले करीब डेढ़ साल से अटकी थी.
यह भी पढ़ेंः 48 घंटे में जवानों की शहादत का बदला, 5 आतंकियों को जहन्नुम में पहुंचाने के साथ खत्म हुआ ऑपरेशन हंदवाड़ा
योगी सरकार की ओर से कोर्ट में सहायक अध्यापकों को लेकर दलीलें दी गई थी. इसमें 3 मार्च को सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इनमें एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी अंक रखे जाने के निर्देश सरकार को दिए गए थे.
यह भी पढ़ेंः उत्तर प्रदेश न्यूज़ रोजगार देने के लिए यूपी सरकार की नई एजेंसी संभालेगी जिम्मेदारी, मुख्यमंत्री होंगे संस्था के अध्यक्ष
पिछले साल भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी तय किए थे, जिसके खिलाफ एकल पीठ में कई याचिकाएं दायर हुईं. इसके बाद इस मामले की सुनवाई डबल बैंच में की जा रही थी. प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 5 दिसंबर 2018 को शासनादेश जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी. छह जनवरी 2019 को 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी.
Source : News Nation Bureau