उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM yogi adityanath) ने हिंदू युवा वाहिनी (Hindu yuva vahini) संगठन को पूरी तरह खत्म कर दिया है. उन्होंने संगठन की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. इसे भंग करने के बाद अब इस संगठन की ईकाई नहीं रहेगी. हिंदुत्व (Hindutva) और राष्ट्रवाद की विचारधारा वाले इस संगठन ने योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) को एक अलग तरह की नेता के रूप में पहचान देने में अहम भूमिका निभाई है. सीएम योगी ने दो दिवसीय गोरखपुर दौरे (Gorakhpur tour) के बीच इस संगठन को भंग करने का ऐलान किया है. इस बीच प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने जल्द ही इकाइयों का फिर से गठन करने की बात कही है. उन्होंने बताया कि काफी समय से संगठन में इकाइयों का गठन नहीं किया गया था जिस वजह से इसे फिर से गठित करने की जरूरत है.
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इस फेरबदल के पीछे संगठन में नई तरह से जान फूंकने की बात की जा रही है. माना जा रहा है कि मिशन-2024 से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में हिंदू युवा वाहिनी को नए सिरे से गठन कर कार्यकर्ताओं की नई टीम बनाने की तैयारी की योजना बनाई जा रही है. हिंदू युवा वाहिनी नामक इस संगठन की नींव खुद सीएम योगी ने रखी थी. इस संगठन को तैयार करने के बाद काफी तेजी से इस हिंदू वाहिनी से जुड़ते चले गए. इस संगठन की शुरुआत गोरखपुर में करीब 20 साल पहले हुई थी. गौरतलब है कि खुद योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर से गहरा संबंध रहा है. वह न सिर्फ गोरखपुर मठ के महंत हैं बल्कि वहां से सांसद भी चुने जा चुके हैं. सीएम योगी का महंत बनना और गोरखपुर से राजनीति में आना हिंदू यूवा वाहिनी की वजह से यह संभव हो पाया. इस साल यानी कि वर्ष 2022 के चुनाव में युवा हिंदू वाहिनी ने पूरी जोश के साथ चुनाव प्रचार में जुटते हुए बीजेपी के उम्मीदवारों के पक्ष में खूब चुनाव प्रचार किया. यहां तक कि पिछले चुनाव में भी इस संगठन ने अहम भूमिका निभाई थी.