एआईयूडीएफ के अध्यक्ष और सांसद बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) एक बार फिर विवादित बयान देकर मीडिया की सुर्खियों में हैं. एमपी बदरुद्दीन अजमल ने शुक्रवार को जनसंख्या वृद्धि पर विवादित बयान देते हुए कहा कि हमलोग के बच्चे 22 साल में शादी कर लेते हैं. सरकार ने इजाजत दी है, इसलिए लड़कियां की शादी 18 उम्र में कर देते हैं. लेकिन, वो लोग (हिंदू) 40 साल से पहले एक, दो, तीन गैरकानूनी तरीके से बीवियां रखते हैं. इसके बाद बच्चा पैदा करने की क्षमता 40 साल के बाद कहां रहती है... उनको मुसलमानों के इस फॉर्मूलों को अपनाना चाहिए.
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जनसंख्या वृद्धि पर मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि जब 40 साल के बाद माता-पिता मजबूर करते हैं या कहीं फंस जाते हैं तो वो शादी करते हैं. तो कैसे उम्मीद करते हैं कि उनके इतने बच्चे पैदा होंगे. जब टाइम पर उपजाऊ जमीन पर दवा और मिट्टी डालोगे तो धान ही धान उगेगी, खेती अच्छी होगी. इसलिए उनको मुसलमानों के फॉर्मूलों को अपनाते हुए बच्चों की शादी 20-22 साल की उम्र में और लड़कियों की शादी 18-20 साल की आयु में करा देनी चाहिए. फिर देखिये आपके यहां कितने बच्चे पैदा होते हैं? लेकिन दो नंबरी काम मत करो.
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VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बदरुद्दीन अजमल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अवैध विवाह, अवैध बीबी, अवैध बच्चे, अवैध रूप से कम उम्र में निकाह, महिलाओं को खेती समझ कर उत्पादकता बढ़ाने का तरीका बताना और ऊपर से लव जिहाद की खुलेआम स्वीकारोक्ति, महिलाओं के प्रति इतनी निकृष्ट सोच क्या इस्लाम सिखाता है? क्या हिंदू समाज लव जिहाद व धर्मांतरण का ऐसे ही शिकार बनता रहेगा? कदापि नहीं! इनका चाल, चरित्र और चेहरा फिर बेनकाब हुआ.