यूपी के कन्नौज में स्वास्थ्य विभाग का बेरहम चेहरा सामने आया है। डिलीवरी कराने आई महिला जब फीस नहीं जमा कर सकी तो उसके 'सुहाग की निशानी' को गिरवी रख लिया गया। जब यह मामला मीडिया में आया तो स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते सीएमओ (CMO) ने जांच बैठा दी, जिसमें दो स्टाफ नर्स दोषी पाए गए और उनकी सेवा समाप्त कर दी गई।
गुरुवार रात गुगरापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़े गांव के रहने वाले अवनीश अपनी गर्भवती पत्नी ममता की डिलीवरी कराने पहुंचे। प्रसव के दौरान नर्स की टीम ने उनसे फीस की रकम मांगी। लेकिन पैसा नहीं होने की वजह से उनलोगों ने 'मंगलसूत्र' गिरवी रखने की शर्त रख दी।
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जिसके बाद प्रसव के दर्द में तड़पती ममता ने उनकी बात मानकर अपने 'मंगलसूत्र' को गिरवी रख दिया, ताकि उनकी संतान इस दुनिया में आ सके। महिला की ओर से सुहाग की निशानी गिरवी रखे जाने के बाद नर्सों ने उसकी डिलीवरी कराई।
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ममता ने बेटी को जन्म दिया। जब वो अपनी नवजात बच्ची को घर ले जाने लायक हुई तो नर्स ने फीस की रकम मांगी। जिसके बाद उनलोगों ने स्टाफ नर्स को 700 रुए और दाई को 250 रुपए दिए तब जाकर उनकी गिरवी मंगलसूत्र उन्हें मिला। इतना ही नहीं जननी योजना के तहत जो रकम और दवाएं प्रसूता को दी जाती है वो भी नहीं दी गई।
इसकी शिकायत जब सीएमओ डॉ कृष्ण स्वरूप तक पहुंची तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच टीम गठित कर दी। जिसमें नोडल अधिकारी/प्रभारी चिकित्साधिकारी की जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएमओ ने जांच में दोषी पाए जाने पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स कुमारी रानी और संगीता दोनों को सेवा मुक्त कर दिया।
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Source : News Nation Bureau