गोरखपुर पुलिस ने आज फरार माफिया विनोद उपाध्याय के घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. लगभग 500 स्क्वायर मीटर सरकारी जमीन पर कब्जा करके विनोद उपाध्याय ने अपना मकान बनवाया था और यहीं से अपने गिरोह का संचालन करता था. जीडीए और गोरखपुर पुलिस की टीम ने आज विनोद उपाध्याय के इस अवैध प्रॉपर्टी के कमरों को खुलवा कर उसमें रखे सामानों को बाहर किया और उसके बाद मुआवजा लगाकर इसे पूरी तरह से मिट्टी में मिला दिया. विनोद पर रंगदारी, हत्या का प्रयास समेत कुल 25 मुकदमें दर्ज हैं. पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई है.
गौरतलब है कि 23 मई को उसके खिलाफ गुलरिहा थाने में रंगदारी और धमका का नया केस दर्ज किया गया. यही नहीं विनोद उपाध्याय पर अलग-अलग थानों में करीब 25 गंभीर मुकदमे दर्ज किए गए हैं. प्रदेश में उसका नाम टॉप 61 माफियाओं में गिना जाता है. ऐसे कई नामी मामले हैं, इसमें पीडब्ल्यूडी गैंगवार, चार फाटक गोली कांड, हिस्ट्रीशीटर लाल बहादुर हत्याकांड, हियुवा नेता को मारने और पीटने जैसे मामले शामिल हैं.
25 हजार का इनाम घोषित
सबसे पहली बार वो तब चर्चा में आया, जब उसने गोरखपुर जेल में नेपाल के भैरहवा के शातिर बदमाश जीत नारायण मिश्र के मारे गए थप्पड़ का बदला लेने के लिए 7 अगस्त 2005 को को जमानत पर बाहर आए जीत नारायण मिश्र और उसके बहनोई गोरेलाल की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में वह जेल गया था.
जमानत पर छूटते ही वो फरार हो गया. गोरखपुर के एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर ने उसके ऊपर 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया. इसके बावजूद भी जब विनोद उपाध्याय पर शिकंजा नहीं कस सका तो उस पर इनाम राशि तय की गई. ये राशि 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार तक की गई. पुलिस ने अब सख्ती के साथ विनोद पर कार्रवाई की है.
Source : News Nation Bureau