उत्तर प्रदेश पुलिस में प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के 24 अधिकारियों के लिए आईपीएस बनने का मार्ग अब साफ हो गया है. सोमवार को मुख्य सचिव, डीजीपी और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्य की मौजूदगी में एक बैठक हुई, जिसमें इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया. केंद्रीय गृह मंत्रालय से जल्द ही इस मामले में आदेश जारी होने की उम्मीद है.
लंबे समय का इंतजार
उत्तर प्रदेश में लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे पीपीएस कैडर के इन अधिकारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है. 1995 और 1996 बैच के अधिकारियों की डेवलपमेंट प्रोमोशन कमेटी (DPC) की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई. हालांकि, एक अधिकारी के खिलाफ लंबित जांच के कारण उन्हें प्रमोशन नहीं मिल सका है. जैसे ही यह जांच समाप्त होगी, उस अधिकारी को भी प्रमोट किया जाएगा.
पति-पत्नी की अनोखी जोड़ी
प्रमोशन पाने वाले अधिकारियों में एक दंपत्ति का नाम भी शामिल है. एसपी सिटी बाराबंकी, चिरंजीव नाथ सिन्हा, और उनकी पत्नी एडिशनल एसपी रश्मि रानी, दोनों आईपीएस बनने वाले अधिकारियों की लिस्ट में हैं. यह पहली बार होगा जब कोई पति-पत्नी एक ही सेवा में एक साथ आईपीएस बनने जा रहे हैं, जो कि एक महत्वपूर्ण घटना है.
प्रमोशन की सूची
वर्ष 1995 और 1996 बैच के ये पीपीएस अधिकारी अब भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में प्रमोट हो गए हैं. यह उन अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जिन्होंने वर्षों तक कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ सेवा की है. प्रमोट होने वाले अधिकारियों में बजरंग बली, डॉ. दिनेश यादव, समीर सौरभ, मो. इरफान अंसारी, अजय प्रताप, नेपाल सिंह, अनिल कुमार, कमलेश बहादुर, राकेश कुमार सिंह, लाल भरत कुमार पाल, रश्मी रानी, अनिल कुमार यादव, संजय कुमार, शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, लक्ष्मी निवास मिश्र, राजेश कुमार श्रीवास्तव, चिरंजीव नाथ सिन्हा, विश्वजीत श्रीवास्तव, मनोज कुमार अवस्थी, अमृता मिश्रा, रोहित मिश्रा, शिवराम यादव, अशोक कुमार और दीपेंद्र नाथ चौधरी शामिल हैं.
लंबित जांच का मामला
हालांकि, 1993 बैच के पीपीएस अधिकारी संजय कुमार यादव का प्रमोशन फिलहाल के लिए अधर में है, क्योंकि उनकी जांच अभी लंबित है. जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही उनके प्रमोशन के संबंध में निर्णय लिया जाएगा. इस स्थिति ने उनके प्रमोशन की प्रक्रिया को लिफाफे में बंद कर रखा है.