जेवर में बनने जा रहे एशिया के सबसे बड़े और उत्तर प्रदेश के पांचवें अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को तय समय में संचालन में लाने के लिए कड़े नियमों से कंपनी को दो-चार होना पड़ेगा. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की परियोजना को समय पर पूरा करने की हर तरह से तैयारी की गई है. शासन और कंपनी के बीच अनुबंध कुछ इस तरह से किए गए हैं ताकि परियोजना में किसी तरह की देरी विलंब न हो. इसीलिए निर्माण कार्य में देरी होने पर जुर्माने का नियम शामिल किया गया है. इस नियम के तहत नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को तय दिनों में पूरा न करने पर विकासकर्ता कंपनी पर प्रतिदिन 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
इस लिहाज से देखें तो कंपनी को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण 1095 दिन कर संचालित कराना होगा. परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए जुर्माने के प्रविधान को रखा गया है. विकासकर्ता कंपनी अगले एक हफ्ते में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को विकास योजना सौंप देगी. जानकारी के मुताबिक निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 30 सितंबर 2021 को कंपनी और प्रदेश सरकार के बीच अनुबंध हुआ था. इसके तहत 29 सितंबर 2024 से पहले एयरपोर्ट का संचालन शुरू करना होगा. इस लिहाज से यदि इसके बाद एयरपोर्ट का संचालन होगा तो कंपनी पर जुर्माना लगेगा. अनुबंध के मुताबिक निर्माण कार्य में देरी होने पर विकासकर्ता कंपनी को सुरक्षा राशि का .1 फीसद प्रतिदिन जुर्माना देना होगा.
इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विकासकर्ता कंपनी से 100 करोड़ रुपये सुरक्षा राशि जमा कराई गई है. इस हिसाब से देरी होने पर कंपनी को प्रति दिन 10 लाख का जुर्माना देना होगा. प्रतिदिन इतना भारी-भरकम जुर्माना लगाने से कंपनी को काफी नुकसान होगा. ऐसे में कंपनी हर हाल में तय समय में परियोजना पूरा करने के लिए पूरा प्रयास करेगी.
HIGHLIGHTS
- 29 सितंबर 2024 से पहले एयरपोर्ट का संचालन शुरू करना होगा
- कंपनी को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण 1095 दिनों में करना होगा
- देरी होने पर हर रोज देना पड़ेगा 10 लाख रुपए का जुर्माना