उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए करोड़ों का बजट दिया जा रहा है. मगर इस सेवा की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. सड़क पर घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए न एंबुलेंस मिली और न ही किसी ने गाड़ी रोकी. आखिरकार पुलिसवाले घायल को ठेले पर लादकर अस्पताल लेकर पहुंचे.
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दरअसल, शहर के जटेपुर चौकी क्षेत्र के चेतना तिराहे के पास एक अज्ञात युवक घायल पड़ा हुआ था. किसी के द्वारा इसकी सूचना पुलिस को मिली तो मौके पर पहुंचे दो सिपाहियों ने 108 नंबर पर कॉल करके एम्बुलेंस बुलाने का प्रयास किया. लेकिन काफी देर बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिला. सिपाहियों ने सड़क पर जा रही गाड़ियों को भी रुकवाने का प्रयास किया, मगर किसी ने गाड़ी नहीं रोकी.
थक हार कर दोनों कांस्टेबल ने ठेले वाले को बुलाया और अपने हाथों से इस घायल को ठेले पर लादकर जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया. सिपाहियों के इस काम की जानकारी मिलते ही एएसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने दोनों कांस्टेबलों को अपने कार्यालय में बुलाकर उनसे हाथ मिलाकर उनकी हौसला अफजाई की. साथ ही उनको गुलाब का फूल देकर सम्मानित किया.
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पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति घायल अवस्था में दिखे तो उनको बेहिचक अस्पताल पहुंचाने में मदद करें और यह धारणा छोड़ दे कि पुलिसिया कार्रवाई से गुजरना पड़ेगा. पुलिस किसी भी घायल की मदद करने वाले व्यक्ति से किसी भी तरह का कोई सवाल जवाब नहीं करेगी.
Source : दीपक श्रीवास्तव