उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड शुरू हो गयी है. मौसम के बदलाव से रामलला भी अछूते नहीं है. अयोध्या में रामलला को ठंड से बचाने के लिए गर्म कंबल, रजाई, गद्दा और ब्लोअर के माध्यम से गर्माहट दी जा रही है. हलांकि 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 25 मार्च को रामलला टेंट से निकलकर आधुनिक सुविधाओं से संपन्न अस्थाई मंदिर में विराजमान हैं. इस बार उन्हें स्थाई व्यवस्था दी गयी है.
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि कई वर्षों से विवाद के कारण रामलला टेंट में विराजमान थे, जहां उन्हें सिर्फ एक रजाई, दो प्रकार के वस्त्र ही मिल पा रहे थे. टेंट में होने के कारण किसी भी प्रकार का यंत्र प्रयोग नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब रामलला पहली बार आधुनिक सुख सुविधा से युक्त मंदिर में विराजमान हैं. ठंड को लेकर गर्म हवा देने वाले ब्लोअर मशीन, गद्दा, रजाई और वस्त्र के साथ सभी सुविधाएं मौजूद हैं. इस बार रामजी, हनुमानजी समेत सभी को गर्म वस्त्र धारण कराए गये हैं.
ज्ञात हो कि 6 दिसंबर, 1992 को ढांचा ढहाये जाने के बाद से जहां रामलला 27 वर्ष तक अस्थायी मंदिर में विराजमान रहे हैं, वहीं उनकी सेवा-पूजा में समुचित संसाधन का अभाव भी महसूस किया जाता रहा. पिछले वर्ष 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जहां भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी शुरू हुई, वहीं मंदिर निर्माण होने तक रामलला को समुचित साज-सज्जा से युक्त वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किये जाने का प्रयास हुआ. इसी वर्ष 25 मार्च को रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किये जाने का प्रयास फलीभूत हुआ और रामलला की सेवा-पूजा तथा भोग-राग की व्यवस्था भी अपेक्षानुरूप सुनिश्चित हुई.
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