उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या भले ही घट रही है, अब ग्रामीण इलाकों में स्थिति बहुत ही भयावह नजर आ रही है. राज्य के कई ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है. कई गांवों में तो हालात इतने बदतर हो गए हैं कि यहां औसतन हर रोज एक से दो लोग मर रहे हैं. इससे भी ज्यादा डराने वाली खबर यह है कि बहुत से गांवों में तो स्वास्थ्य विभाग की टीम भी नहीं जा रही हैं. गांवों में लोग अपने से ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं, लेकिन बहुत सी जगह मरीजों की मौत हो रही है. अभी ताजा घटना बागपत जिले के एक गांव से आई है, जहां करीब 27 दिन में ही 37 लोगों की जान चली गई है.
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बताया जा रहा है कि बागपत जिले के छपरौली इलाके के लुंब गांव में 18 अप्रैल से 15 मई के बीच यहां 37 लोग की मौत होने का दावा किया जा रहा है. इन मौतों के बाद जिला प्रशासन की नींद खुली है और एक टीम को गांव में भेजा गया है. लेकिन इन मौतों पर छपरौली सीएचसी अधीक्षक का बयान भी चौंकाने वाला है. उन्होंने बताया कि मरने वाले पहले से ही 70 से ऊपर थे. उनमें से कुछ को हृदय रोग था, कुछ को मधुमेह था. उनमें से कुछ अन्य बीमारियों से जूझ रहे थे. इनमें से कुछ की बुखार से मौत हो गई. हमने आज सर्वे किया, टीम भेजी गई. घर-घर जाकर ग्राम प्रधान से भी मिले.
Baghpat: A team sent by dist admn to Lumb village following clamis that 37 deaths were reported here between April 18th to May 15th (16.05)
— ANI UP (@ANINewsUP) May 19, 2021
CHC Superintendent, Chhaprauli says "A team was sent there for survey earlier too. It is wrong to say that all deaths were due to #COVID19" pic.twitter.com/4ckpgwQMXs
बागपत के एक और गांव की बात करें तो यहां स्वास्थ्य सेवा के दावों की पोल खुली है. बागपत के ढिकौली गांव में करीब 25 वर्षों से सरकारी अस्पताल बदहाल पड़ा है. बताया जाता है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान गांव में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि वह इलाज के लिए दिल्ली या मेरठ जाते हैं. ग्रामीणों ने क्षेत्रीय सांसद, विधायक सहित जिला प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया.
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यह स्थिति अकेले बागपत जिले की नहीं है, लगभग पूरे राज्य में यही हालात हैं. गोरखपुर के तिघरा गांव में पिछले 20 दिनों में 20 से अधिक मौतें हुई हैं. बावजूद इसके अब तक यहां पर स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम जांच के लिए नहीं पहुंची है. इस गांव के 70 फीसदी घरों में लोगों में संक्रमण के लक्षण हैं, लेकिन फिर भी लोग दवा की दुकानों से दवा लेकर अपना इलाज खुद कर रहे हैं और जांच नहीं करा रहे हैं. इसके अलावा भी अलग अलग जिलों से इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.
HIGHLIGHTS
- यूपी के बागपत में कोरोना का कहर
- ग्रामीण इलाकों में बिगड़े हैं हालात
- एक गांव में 27 दिन के अंदर 37 मौतें