उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में 2 दरोगा और एक सिपाही सस्पेंड कर दिया गया है. ड्यूटी में लापरवाही के कारण एसएसपी ने तीनों को सस्पेंड किया है. सभी निलंबित पुलिसकर्मी चौबेपुर थाने में तैनात थे. इस हत्याकांड में चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को पहले ही निलंबित कर दिया गया. थानाध्यक्ष तिवारी पर मुखबिरी के आरोप लगे हैं.
यह भी पढ़ें: गैंगस्टर विकास दुबे की धरपकड़ हुई तेज, उन्नाव टोल प्लाजा पर चिपकाया गया पोस्टर
बता दें कि गत 2/3 जुलाई की रात को बिकरू गांव में वारदात से पहले गैंगस्टर विकास दुबे के पास चौबेपुर थाने से किसी का फोन आया था, जिसके बाद ही उसने पुलिस से सीधे टक्कर लेने के लिए अपने अन्य साथियों को फोन करके अपने घर बुलाया था. जिसका खुलासा पुलिस की गिरफ्त में आए विकास दुबे के गुर्गे दया शंकर अग्निहोत्री ने खुद किया है. पकड़े गये बदमाश अग्निहोत्री ने अस्पताल पहुंचे संवाददाताओं के सामने कहा कि रात को बिकरू गांव में वारदात से पहले उसके आका विकास दुबे के पास चौबेपुर थाने से किसी का फोन आया था.
यह भी पढ़ें: Kanpur Encounter: 6 बीघा जमीन बनी खूनी मुठभेड़ का कारण, विकास दुबे के खिलाफ शिकायत करने वाला लापता
गौरतलब है कि 2-3 जुलाई की दरमियानी रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में माफिया सरगना विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर छत पर खड़े बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी. गैंगस्टर विकास दुबे के घर छापा मारने गई पुलिस टीम पर कातिलाना हमला किया गया था. पुलिस जैसे ही घर के पास पहुंची थी, छत से गोलियों की बौछार शुरू हो गई थी. इस वारदात में एक पुलिस उपाधीक्षक और तीन दरोगा समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे, जबकि सात अन्य जख्मी हो गए थे.
यह वीडियो देखें: