अयोध्या में मस्ज़िद बनाने को लेकर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) की अगली बैठक 19 दिसम्बर को होगी. इस मीटिंग जो सदस्य व्यक्तिगत तौर पर लखनऊ नहीं आ पाएंगे, वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शामिल होंगे. इस मीटिंग में ट्रस्ट के मेंबरों के अलावा आर्किटेक्ट्स भी शामिल होंगे जो डिज़ाइन और नींव के बारे में निर्णय लेंगे. इस मीटिंग के बाद शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मस्जिद के डिज़ाइन का के बारे में जानकारी दी जाएगी.
मस्ज़िद निर्माण को ले कर ट्रस्ट ने फ़ैसला किया है कि 26 जनवरी या 15 अगस्त की तारीख़ पर इस मस्ज़िद बनाने की नींव रखी जाए. हालाकिं इस पर अंतिम रूप से अभी फैसला नहीं हुआ है और साथ ही कार्यक्रम की रूप रेखा भी तारीख़ के हिसाब से तय होगी. बताया जा रहा है कि यह मस्जिद बाबरी मस्जिद की तुलना में काफी बड़ी होगी और 2000 से भी ज्यादा लोग इस मस्जिद में एक साथ नमाज़ अदा कर सकेंगे.
बता दें कि अयोध्या में बनने वाली मस्ज़िद का नाम भी तय किया जा चुका है जिसमे 'बाबरी' का कहीं जिक्र नहीं होगा. इस मस्ज़िद का नाम धन्नीपुर मस्ज़िद रखा गया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड को राम मंदिर की जमीन के बदले मे अलग जमीन दी थी, जहां मस्जिद बनाने का आदेश दिया गया था. यह मस्जिद इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन बनाएगी. इसमें सभी सदस्य वकफ बोर्ड के सदस्य हैं.
Source : News Nation Bureau