उत्तर प्रदेश : CAA के विरोध के चलते सीएम योगी के आदेश के बाद 21 जिलों में नेटबंदी

हालांकि शुरुआत में राज्य के नौ जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने गुरुवार मध्यरात्रि को एक आदेश जारी किया कि शुक्रवार मध्यरात्रि तक 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी.

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yogesh bhadauriya
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प्रतिकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)

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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने 21 जिलों में शुक्रवार मध्यरात्रि तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दिया है. हालांकि शुरुआत में राज्य के नौ जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने गुरुवार मध्यरात्रि को एक आदेश जारी किया कि शुक्रवार मध्यरात्रि तक 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी.

जिन जिलों में इंटरनेट सेवा बंद किया गया है, उनमें लखनऊ, हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, कानपुर, फिरोजाबाद, बरेली, सहारनपुर, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, बहराइच, मुजफ्फरनगर, संभल, शामली, वाराणसी, आजमगढ़, मुरादाबाद, आगरा और अलीगढ़ शामिल हैं.

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इस बीच उत्तर प्रदेश डीजीपी ओपी रावत ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि हम निर्दोषों को नहीं छू रहे हैं और हम उन लोगों को नहीं छोड़ेंगे जो इसमें शामिल थे (हिंसा), और यही कारण है कि हमने कई संगठनों के सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है, चाहे वह पीएफआई हो या कोई अन्य राजनीतिक दल. यूपी डीजीपी ने कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. हमारे पास मामलों की जांच के लिए गठित बलों की तैनाती के साथ विशेष जांच दल हैं. उन्होंने कहा कि हमने 21 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है, उन्हें स्थिति की मांग के अनुसार बहाल किया जाएगा.

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इंटरनेट सेवा को एहतिहातन शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ संभावित प्रदर्शन को देखते हुए बंद किया गया है. इंटरनेट सेवा इसलिए बंद की गई है, ताकि किसी भी तरह की कठिन परिस्थिति में सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना के प्रसार को रोका जा सके.

इससे पहले सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के कारण लखनऊ में छह दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई थी और पिछले सप्ताह बुधवार रात को ही सेवा बहाल की गई थी. अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) पी.वी. रामाशास्त्री ने कहा, "हमने राज्य के विभिन्न जिलों में सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने के साथ ही स्थानीय लोगों से बातचीत की है. इंटरनेट सेवा को सिर्फ एक दिन के लिए बंद किया गया है. हम सोशल मीडिया पर भी बारबर निगरानी कर रहे हैं."

इस बीच इंटरनेट सेवा के लगातार बंद होने से लोगों में नाराजगी है. प्रयागराज के एक विद्यार्थी मानव अग्निहोत्री ने शुक्रवार सुबह आईएएनएस से कहा कि इंटरनेट सेवा के बंद होने से उसकी पढ़ाई पर प्रभाव पड़ रहा है. विद्यार्थी ने कहा, "पढ़ाई के लिए हम इंटरनेट पर निर्भर हो गए हैं और इससे मेरी पढ़ाई प्रभावित हो रही है, क्योंकि मैं आगामी साल में होने वाली सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं."

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एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी छत्रपाल सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "यदि पूरी कानून-व्यवस्था इंटरनेट पर निर्भर है, तो सरकार को चाहिए कि वह राज्य में स्थायी रूप से इंटरनेट निलंबित कर दे. कहने को यह डिजिटल युग है, लेकिन हर दूसरे दिन हमें नेटवर्क ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है."

इंटरनेट सेवा के बंद होने से नए साल के लिए आयोजित होने वाले समारोह भी प्रभावित होने लगे हैं. इन दिनों बुकिंग से लेकर ऑर्डर की डिलिवरी ऑनलाइन ही की जाती है. हालांकि हिंसा और बंद को देखते हुए असुरक्षा की भावना के कारण लोगों ने नए साल की पूर्व संध्या पार्टियों के लिए बुकिंग रद्द करनी शुरू कर दी है. वहीं पुलिस और अर्ध सैनिक बल संवेदनशील शहरों में फ्लैग मार्च करेंगे. साथ ही मौलवियों से भी जुमे की नमाज के बाद शांति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.

Source : IANS

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