वाराणसीः वाराणसी (Varanasi) में हुए फ्लाईओवर हादसे की जांच कर रही टीम ने कमिश्नर को रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में शटरिंग ठेकेदार (Contractor) और सुपरवाइजर को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है. जांच टीम ने सेतु निगम को ठेकेदार और सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. मई 2018 में हुए इस हादसे में 18 लोगों की जान चली गई थी.
फ्लाईओवर की बेयरिंग खिसकने ने हुआ था हादसा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 15 मई 2018 की शाम कैंट लहरतारा इलाके में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के अचानक गिरने से इसके नीचे 18 लोगों की दबने से मौत हो गई थी. शुरूआती जांच में बीम की बेयरिंग खिसकने से दुर्घटना की बात सामने आई थी. अगर साइट पर इंजीनियर नियमित मॉनीटरिंग करते तो कई घरों के चिराग बुझने से बच जाते।
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सीबीआरआई को सौंपी गई थी जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराने के आदेश दिए थे। मामले की जांच की जिम्मेदारी देश की जानी-मानी संस्था सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट-रुड़की को सौंपी गई थी जिसकी जांच रिपोर्ट में तमाम तकनीकी पहलुओं को ध्यान रखते हुए मौके पर इस्तेमाल की गई सामग्री से लेकर अन्य चीजों के रिपोर्ट के आधार पर विवेचना पूर्ण कर सेतु निगम के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक से लेकर पूर्व परियोजना प्रबंधक, इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर सहित एक ठेकेदार की गिरफ्तारी की गई.
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आठ के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर
इस पूरे प्रकरण की विवेचना में जिन लोंगों का नाम सामने आया उनकी गिरफ्तारी की गई. इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ धारा 304, 308, 423, 3/8 सार्वजनिम संपत्ति निवारण अधिनियम के तहत अनिश्चित हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. विवेचना पूर्ण होने के बाद या गिरफ्तारी की गई है.
Highlights
- प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में हुआ था हादसा
- हादसे में 18 लोगों की गई थी जान
- ठेकेदार और सुपरवाइजर के खिलाफ होगी कार्रवाई