आगरा में शुक्रवार को 124 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी आने की वजह से विश्व प्रसिद्ध ताजमहल को नुकसान पहुंचा है. इसमें संगमरमर और लाल पत्थर की जालियों के अलावा भी कई नुकसान हुए हैं. एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के चलते ताजमहल को हुए नुकसान की मरम्मत होने में कम से कम एक महीने का समय लगेगा.
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पुरातत्वविद डॉक्टर वसंत कुमार स्वर्णकार ने कहा कि ताजमहल की मरम्मत के लिए प्रयोग में आने वाला सामान राजस्थान से आएगा. वसंत कुमार ने कहा कि ताजमहल के अंदर कोई क्षति नहीं हुई है. बाहर रेलिंग गिरी है, दरवाजे के नीचे एक पत्थर लगता है, वह क्षतिग्रस्त हुआ है. हालांकि, द्वार एक दम ठीक है. वहीं, ताजमहल परिसर में लगे पेड़ टूट कर गिरे हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि क्षतिग्रस्त हुई चीजों की मरम्मत एक महीने में कर दी जाएगी. वैसे श्रमिक मिल जाएं, तो काम दस दिन में हो सकता है. लेकिन महामारी के डर के चलते सब घर वापस चले गए हैं. पुरातत्वविद ने बताया कि आगरा में भी लॉकडाउन लागू है, ऐसे में निर्देश आने के बाद ही ताजमहल की मरम्मत कराई जा सकेगी. गौरतलब है कि साल 2018 में आए तूफान में गेट की दो मीनार गिर गई थी. अधिकारियों का कहना है कि इस बार आए तूफान के चलते ताजमहल के अंदर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है.
Source : IANS