उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) में पत्रकार विक्रम जोशी की इलाज के दौरान मौत हो गई है. पत्रकार को कुछ हमलावरों ने उनके घर के पास गोली मार दी थी, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. स्थानीय अखबार में काम करने वाले पत्रकार ने अपनी भांजी के साथ कुछ लड़कों द्वारा छेड़छाड़ के मामले में कार्रवाई के लिए 16 जुलाई को विजय नगर पुलिस चौकी में पुलिस में तहरीर दी थी. इसके बाद यह हमला हुआ. शिकायत करने से नाराज बदमाशों ने पत्रकार को सोमवार रात को उसकी बेटियों के सामने ही गोली मार दी. हालांकि इस बाबत अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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जानकारी के अनुसार, सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे पत्रकार विक्रम जोशी अपनी दो बेटियों के साथ बाइक से विजय नगर स्थित घर लौट रहे थे, रास्ते में आधा दर्जन से ज्यादा हथियारबंद लोगों ने उनका रास्ता रोक लिया. जिनमें से एक आरोपी ने पत्रकार के सिर में गोली मार दी और मौके से भाग गए. नाजुक हालत में जोशी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा कि प्राथमिकी में नामजद दो व्यक्तियों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि स्थानीय पुलिस चौकी के प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.
नैथानी ने कहा कि जोशी के भाई अनिकेत जोशी की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या की कोशिश), 506 (धमकी देना) और 34 (एक मंशा से कई लोगों द्वारा कृत्य करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में तीन संदिग्धों, छोटू, आकाश बिहारी और रवि का नाम है. इसके अलावा प्राथमिकी में कुछ अज्ञात लोगों का भी जिक्र है.
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नैथानी ने बताया कि पुलिस मामले के सबूतों के आधार पर मोहित, दलबीर, आकाश, योगेंद्र, अभिषेक और शाकिर को गिरफ्तार कर चुकी है. परिवार ने आरोप लगाया कि विजय नगर पुलिस चौकी में दर्ज अपनी शिकायत में जोशी ने छोटू, रवि और आकाश का नाम लिया था. प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों के मुताबिक, पत्रकार को आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी थी. नैथानी ने कहा, 'परिवार ने स्थानीय पुलिस चौकी प्रभारी की ओर से अपर्याप्त कार्रवाई का आरोप लगाया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए चौकी प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और स्थानीय क्षेत्र अधिकारी मामले की जांच करेंगे.'
इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना के बाद कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला. उन्होंने ट्विटर पर कहा, 'गाजियाबाद एनसीआर में है. यहां कानून व्यवस्था का ये आलम है तो आप पूरे उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के हाल का अंदाजा लगा लीजिए. एक पत्रकार को इसलिए गोली मार दी गई, क्योंकि उन्होंने भांजी के साथ छेड़छाड़ की तहरीर पुलिस में दी थी. इस जंगलराज में कोई भी आमजन खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?'