कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में गुजरात के अहमदाबाद कोर्ट ने आरोपी अश्फाक और मोइद्दीन के लिए 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड मंजूर कर ली है. पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ करेगी. मामले में हर रोज नया पेच फंसता जा रहा है. वहीं हत्यारोपी ने इसे वाजिब-उल-कत्ल करार दिया है. मंगलवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात एटीएम को बड़ी कामयाबी मिली. गुजरात एटीएस ने गुजरात-राजस्थान सीमा पर श्यामलाजी के पास हत्याकांड के मुख्य आरोपी अश्फाक और मुईनुद्दीन को गिरफ्तार किया.
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी के निर्वाचन पर फैसला सुरक्षित, दिवाली बाद कोर्ट सुनाएगा फैसला
मुख्य आरोपी अश्फाक और मुईनुद्दीन ने इस घटना को अंजाम दिया था. इन दोनों आरोपियों ने हत्या करने की बात कुबूल कर ली है. गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि दो वांछित आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन पठान को शामलाजी के पास गुजरात-राजस्थान सीमा से गिरफ्तार किया गया है. गुजरात एटीएस को जानकारी मिली थी कि वे गुजरात में प्रवेश करने जा रहे हैं. इसी आधार पर हमने अपनी टीम को सीमा पर भेजा और उन्हें पकड़ लिया.
यह भी पढ़ें- कमलेश तिवारी हत्याकांड :हत्यारों ने बताया हत्या शरीयत के मुताबिक, वाजिब-उल-क़त्ल दिया करार
वहीं इस मामले में कमलेश तिवारी हत्याकांड में हर रोज नया खुलासा हो रहा है. एक पेच सुलझता है तो दूसरा उलझ जाता है. नये खुलासे में यह बात निकलकर आई है कि हत्यारे को अपने करतूत पर कोई दुख नहीं है. हत्यारों ने बताया कि यह हत्या शरीयत के मुताबिक की गई है. जिसका उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है. हत्यारे इसको वाजिब-उल-क़त्ल मानते हैं. हत्या करने से पहले मौलाना मोहसिन ने शरीयत के हवाले से हत्यारों का ब्रेन वॉश किया था. हत्यारे असफाक और मोइद्दीन ने कत्ल को अंजाम देने के लिए कई और मौलानाओं से सलाह मश्विरा लिया था.