उत्तर प्रदेश के हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड (Kamlesh Tiwari Murder Case) में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन सभी आरोपियों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया था. यूपी के डीजीपी के मुताबिक, तीनों आरोपी मौलाना शेख सलीम, फैजान और राशिद पठान को कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचने के लिए गुजरात से हिरासात में लिया गया था.
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अब कमलेश तिवारी हत्याकांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा था कि इस हत्या का तार कानपुर से भी जुड़ा हुआ था, जिसे लेकर अब सब साफ हो गया है. जानकारी के मुताबिक, कानपुर से हत्यारों ने एक मोबाइल शॉप से सिम कार्ड खरीदा था. इस सिम को शूटर ने कानपुर रेलवे स्टेशन से अशफाक कुल की आईडी से खरीदा था. इस सिम को 17 अक्टूबर को सूरत के पते वाली आईडी से खरीदा गया था. मामले की जांच के बाद पता चला कि इस सिम कार्ड से कई बार बातचीत की गई थी. वहीं अधिक जानकारी के लिए मोबाइल दुकानदार से घंटो पूछताछ की गई.
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गौरतलब है कि शुक्रवार को लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके दफ्तर में हत्या कर दी गई थी. उनके शरीर में किसी धारदार हथियार या चाकू से किए गए कई वार के निशान हैं और उन्हें एक गोली भी मारी गई थी.
कौन है कमलेश तिवारी?
कमलेश तिवारी अखिल भारतीय हिंदू महासभा के स्वयंभू अध्यक्ष थे और उनके इस दावे का कई बार महासभा ने विरोध किया था. आखिरकार 2017 में तिवारी ने हिंदू समाज पार्टी बनाई और हिंदू कट्टरपंथी के रूप में उभरने के लिए कई प्रयास किए. इसी क्रम में तिवारी ने सीतापुर में अपनी पैतृक जमीन पर नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था, लेकिन वह कभी शुरू नहीं हो सका.
तिवारी ने 2012 में भी चुनावी राजनीति में उतरने का असफल प्रयास किया था. वह लखनऊ से विधानसभा चुनाव लड़े थे और हार गए थे. खबरों के मुताबिक, तिवारी से नाका के खुर्शीदबाग स्थित ऑफिस में दो लोग मिलने पहुंचे थे. ये दोनों मिठाई का डिब्बा लिए हुए थे, जिसमें चाकू और बंदूक थी. बताया जा रहा है कि दोनों ने कमलेश तिवारी से मुलाकात की. बातचीत के दौरान दोनों बदमाशों ने कमलेश के साथ चाय भी पी. इसके बाद उनकी हत्या कर फरार हो गए.