उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कन्नौज (Kannauj) जिले के छिबरामऊ थाना क्षेत्र के चिलोई गांव के निकट एक निजी स्लीपर बस (Sleeper Bus) और ट्रक की टक्कर के हादसे में जो लोग बच गए हैं उनके जख्म अभी भी हरे हैं. इस हादसे में जो लोग बच गए उन्होंने अपने-अपने हिसाब से अनुभव साझा किए हैं.
बस में मौजूद बृजमोहन ने बताया कि वह हादसे से कुछ वक्त पहले ही सवार हुए थे. जैसे ही हादसा हुआ तो उन्होंने शीशा तोड़ने का प्रयास किया. इसमें उन्हें चोट लग गई. लेकिन वह शीशा तोड़ने में सफल हो गए.
कन्नौज के मुकरीटोला निवासी सलमान ने बताया कि वह अपने मामा के साथ जयपुर जा रहा था. हादसे के वक्त वह बस में बैठा था. तेज टक्कर से वह आगे गिर गया. लात घूसों से बस का शीशा तोड़कर वह किसी तरह बस से बाहर निकला.
हरदोई के बिलग्राम के रहने वाले रामप्रकाश ने बताया कि हादसे के समय वह अपनी सीट पर सो रहे थे. तभी अचानक से किसी ने उनका हाथ पकड़ा और बस से बाहर फेंक दिया. वह घायल हो गए थे. उन्होंने ऐसा मंजर कभी नहीं देखा.
छिबरामऊ के रहने वाले आजम खान ने कहा कि वह जयपुर जा रहे थे. हादसे के वक्त वह फोन चला रहा था. लपटों को देखकर उन्होंने उसने गाड़ी का शीशा तोड़ दिया और बस से कूद गया. इसके कारम उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया.
वहीं बस में यात्रा कर रहे अफसार ने बताया कि रात 8 बजे वह बस में लेटा था. तभी अचानक से धमाका हुआ और वह डर गया. कुछ ही मिनटों में बस आग का गोला बन गई. उनके कई बार शीशे पर लात मार कर शीशा तोड़ा.
Source : News Nation Bureau