कन्नौज में हुए बस हादसे में आग लगने की कई वजह सामने आ रही है. परिवहन विभाग की प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि नाइट्रोजन गैस वाले टायरों के फटने से बस आग का गोला बनी थी. टायर फटने से आग लगी और डीजल टैंक धधक उठा. बताया जा रहा है कि बस की टक्कर जिस ट्रक से हुई थी उसमें प्लास्टिक के सामान रखे हुए थे. बस में जब आग लगी तो स्थिति विकराल हो गई.
आम तौर पर हवाई जहाज के टायरों में नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन अब लंबी दूरी की बसों में नाइट्रोजन गैस वाले टायरों का इस्तेमाल होने लगा है. गैस भरी होने के नाते टायर की लाइफ ज्यादा होती है और गर्म होकर फटने का खतरा कम रहता है.
कन्नौज के आरआई ने प्रारंभिक जांच के बाद तकनीकी रिपोर्ट्स में बस जलने की बड़ी वजह नाइट्रोजन को माना है. रिपोर्ट के मुताबिक डीसीएम से टकराने से टायरों में मौजूद गैस से तेज धमाका हुआ. इसके कारण फ्यूल टैंक में भी रिसाव हो गया. डीजल के रिसाव से आग धधक उठी और पलक झपकते ही पूरी बस आग की लपटों से घिर गई. आग में ही डीसीएम भी आ गया. दोनों वाहन एक साथ आग का गोला बन गए. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने बताया कि पहले गैस सिलिंडर में विस्फोट की आशंका जताई गई थी. लेकिन बस के भीतर ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है.
कोहरा भी एक कारण
कन्नौज हादसे के बाद मौके पर पहुंचे डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डीके त्रिपाठी ने बताया कि जांच में पता चला है कि दुर्घटना बाहुल्य इलाके में हादसा हुआ है. यहां NHAI ने पहले ही बोर्ड लगा रखा था. घना कोहरा था और डीसीएम चालक ने बचने की कोशिश की. अचानक सामने से गाड़ी को आता देख बस चालक ने ब्रेक लगाई. आशंका है कि इसी के कारण टायर फट गया होगा.
Source : News Nation Bureau