हत्या के प्रयास के एक मामले में एक व्यक्ति को दस साल के कठोर कारावास और पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. अपर सत्र न्यायाधीश, कानपुर नगर, रेखा सिंह ने आरोपी सुरेंद्र कुमार उपाध्याय को यह सजा सुनाई. इसके अलावा, अदालत ने सुरेंद्र कुमार को सबूतों के अभाव में आईपीसी की धारा 392/394/397/398 के तहत लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया. आरोपी ने पारिवारिक विवाद को लेकर राजेंद्र प्रसाद नामक व्यक्ति को गोली मार दी थी. डॉक्टरों ने उनके बाएं कंधे से गोली निकाल दी.
आरोपी पर आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था. बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि आरोपी पिछले 6 साल और 8 महीने से जेल में है और परिवार का अकेला कमाने वाला सदस्य है, इसलिए उसे न्यूनतम सजा दी जानी चाहिए. दूसरी ओर, अभियोजन पक्ष ने अधिकतम सजा की मांग की क्योंकि अभियुक्त ने एक बड़ा अपराध किया था.
अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) प्रदीप बाजपेई के अनुसार, पीड़िता के पिता ने 6 अगस्त, 2012 को बर्रा थाने में दर्ज शिकायत में कहा कि उनका पुत्र राजेंद्र प्रसाद उपाध्याय 6 अगस्त, 2012 को जौनपुर जिले से लौट रहा था, तभी चार मोटर साइकिल वाले लोग: अरविंद उपाध्याय, सुरेंद्र उपाध्याय, नागेंद्र कुमार और देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने उसे रोका और उसका मोबाइल फोन, एक चेन, एक अंगूठी और एक बैग लूट लिया और फिर उसे मारने के इरादे से गोली चला दी जिससे वह घायल हो गया.
पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. एडीजीसी के अनुसार, तीनों सह-आरोपियों को 2018 में दोषी ठहराया गया था. चूंकि सुरेंद्र उपाध्याय फरार थे, इसलिए उनकी फाइल को अलग कर दिया गया और अदालत ने 2018 में तीन सह-आरोपियों को सजा सुनाई. बाद में, सुरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया और उनका मुकदमा अलग से चलाया गया.
Source : IANS