उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या से जुड़े मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच अभी पूरी नहीं हो गई है. बिकरू गांव गोलीकांड में गठित एसआईटी को आज अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को सौंपनी थी. मगर सूत्रों से जानकारी मिली है कि पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी (SIT) सरकार से और समय ले सकती है. बता दें कि इस प्रकरण में सरकार ने एसआईटी का गठन कर 31 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने को कहा था.
यह भी पढ़ें: सोनिया गांधी के सामने भिड़े युवा-बुजुर्ग कांग्रेसी, मनीष तिवारी ने भी खोला मोर्चा!
बिकरू गोलीकांड को लेकर वरिष्ठ आईएएस संजय भुस रेड्डी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था. इस मामले में अब तक करीब दो दर्जन लोगों के बयान एसआईटी दर्ज कर चुकी है. जिन लोगों का एसआईटी में बयान दर्ज हुआ है, उनमें बिकरू गांव के लोग, विकास के रिश्तेदार और करीब 9 पुलिस वाले हैं. एसआईटी में जिन लोगों के बयान दर्ज हुए है, एसआईटी ने बयान पर उन सभी का हस्ताक्षर भी कराया है, ताकि कोई कोर्ट में अपने बयान से न पलट जाए.
यह भी पढ़ें: विकास दुबे के सहयोगी जयकांत बाजपेयी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई
गौरतलब है कि 2-3 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस की एक टीम कुख्यात अपराधी विकास दुबे घर पर दबिश देने गई थी. इस बात की जानकारी विकास दुबे और उसके सहयोगियों को पहले ही हो गई. इस दौरान अपराधियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया. इस घटना में डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इसके बाद यूपी पुलिस ने अभियान चलाकर विकास दुबे के कई गुर्गो को पकड़ लिया. कई लोग मुठभेड़ में मारे भी गए. इसके बाद घटना के मुख्य आरोपी विकास को मध्यप्रदेश के उज्जैन से पुलिस ने गिरफ्तार कर यूपी एसटीएफ को सौंप दिया था. उज्जैन से कानपुर लाए जाते वक्त एनकाउंटर में विकास दुबे भी मारा गया. फिलहाल उससे जुड़े तमाम मामलों की जांच जारी है.