कानपुर के बिकरू गांव एनकाउंटर मामले में एक और नया खुलासा हुआ है. विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी ने पुलिस पूछताछ में कबूल कर लिया है कि वह एनकाउंटर की रात बिकरू गांव में ही था. उसने पुलिस को बताया कि मुझे पहले से पता था कि इस वारदात में जांच उस तक पहुंच सकती है. इसलिए वह पूरी तैयारी करके आया था. वह अपने मोबाइल को घर पर छोड़कर बिकरू गांव गया था. ताकि जांच के दौरान उसकी लोकेशन घर की मिले.
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जय बाजपेयी ने यह भी खुलासा किया कि वह जिस कार से बिकरू गया था, उस पर नंबर प्लेट नहीं लगी थी. इन बातों का खुलासा जय बाजपेयी ने पुलिस की सख्ती के बाद किया. उसके साथी प्रशांत शुक्ला की लोकेशन बिकरू में मिली थी. जिसके बाद पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की.
पुलिस पूछताछ में उसने कहा था कि वह बिकरू गया ही नहीं था, लेकिन जब पुलिस ने सीडीआर निकाली तो पता चला कि जय की लोकेशन घर पर ही है. जबकि इसके साथी प्रशांत शुक्ला लोकेशन बिकरू में मिली. उसके बाद पुलिस को शक हुआ और कड़ी पूछताछ के बाद उसने बताया कि वह भी उसके साथ गया था. बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे का कथित रूप से फायनेंसर और कानपुर का व्यापारी जय बाजपेयी रविवार रात गिरफ्तार हो गया.
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जय पर आरोप है कि उसने बिकरू गांव में 2-3 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में विकास दुबे और उसके साथियों को गोला-बारूद उपलब्ध कराया था. पुलिस को उसके घर की तलाशी के दौरान 20 से अधिक कारतूस गायब मिले और जय बाजपेयी लापता गोला बारूद के बारे में नहीं बता सका. नरसंहार की जांच करने वाले विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को यह भी पता चला है कि जय बाजपेयी ने अपराध करने के बाद आरोपियों को घटनास्थल से भगाने में मदद करने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी की थी.
बाद में तीन लग्जरी कारें भी कानपुर में मिली थीं. कथित तौर पर तीन जुलाई की घटना के एक दिन बाद ही पुलिस ने जय बाजपेयी को उठा लिया था और उनसे गहन पूछताछ की गई थी. रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले एक साल में जय और विकास के बीच छह बैंक खातों के माध्यम से 75 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ. कथित तौर पर दोनों सट्टेबाजी के खेल में भी पैसा लगा रहे थे.
Source : News Nation Bureau