कानपुर में 3 जून को नई सड़क और दादा मियां हाते में हुई हिंसा मामले में अब तक का सबसे बड़ा पर्दाफाश हुआ है. एसआईटी की जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि जिस वक्त उपद्रवी भीड़ बवाल कर रही थी उस समय कुख्यात अपराधी अकील खिचड़ी अपने मोबाइल फोन से पाकिस्तान अकाउंट के संपर्क में था. इस जानकारी के बाद पुलिस पाकिस्तानी कनेक्शन की जांच में जुट गई है कि दंगे के दौरान खिचड़ी पकाने में अकील की कितनी भूमिका थी.
दरअसल नूपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर जौहर अली एसोसिएशन के अध्यक्ष शाह जफर हाशमी ने कानपुर में 3 जून को बाजार बंदी और 5 जून को जेल भरो आंदोलन की घोषणा की थी. बाद में बंदी का आवाह्न वापस लिया गया, लेकिन 3 जून को जुमे की नमाज के बाद नई सड़क पर भीड़ ने दूसरे संप्रदाय की दुकानों को बंद कराने की कोशिश की तो विवाद शुरू हो गया. इसके बाद नमाजियों की भीड़ ने बवाल किया गोलीबारी और बम बाजी शुरू कर दी.
मामले में हयात जफर समेत 58 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है. अब तक की जांच में 2 बिंदु सामने आए हैं पहला उपद्रव की साजिश नूपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर भारत की विश्व पटल पर बदनामी कराने की गई. दूसरा स्थानीय हिंदू की बस्ती चंदेश्वर हाता खाली कराना था. हालांकि अब पुलिस की जांच में दिशा बदल गई. अगर सूत्रों की माने तो अब पाकिस्तान नंबर से जो चैट सामने आया है जिसमें अकील खिचड़ी की व्हाट्सएप का स्क्रीनशॉट उपलब्ध हुआ है उसमें वही पाकिस्तानी नंबर है चैट सामने आई है. इसकी जांच में एसआईटी जुट गई है.
HIGHLIGHTS
- कानपुर हिंसा में हयात जफर समेत अब तक 58 आरोपी गिरफ्तार
- अकील खिचड़ी की व्हाट्सअप चैट में पाकिस्तान का नंबर मिला