उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिसकर्मियों पर हुए हमला करने वाले शराब माफियों की तलाश के लिए कई टीमों का गठन किया गया है. मुख्य आरोपी मोती की तलाश में भी पुलिस जुटी है. आसपास के जिलों की कुछ विशेष टीमों को मुख्य आरोपी और उसके साथियों की पकड़ के लिए इस मिशन में लगाया है. इलाके में फैले शराब माफिया के कारोबार की जांच पड़ताल में भी पुलिस लगी है. बताया जाता है कि मुख्य आरोपी मोती अपने साथियों के साथ नदी के किनारे कच्ची शराब का कारोबार चलाता था. इसके अलावा मुख्य आरोपी मोती की क्राइम हिस्ट्री भी सामने आई है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्य आरोपी मोती की क्राइम हिस्ट्री में उस पर दर्ज मुकदमों का खुलासा हुआ है. आरोपी मोती पर कुल 11 मुकदमे दर्ज हैं. वह अपने इलाके के पुलिस स्टेशन का पहले नंबर का अपराधी है. फिलहाल मंगलवार को पुलिसवालों पर हमला करने के मामले में वह फरार है. कासगंज के नगला धीमर गांव में मंगलवार देर रात शराब माफिया मोती और उसके साथियों ने सिपाही देवेंद्र और दारोगा अशोक कुमार को बंदी बनाया था. हमले में एक पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई, जबकि एक सब-इंस्पेक्टर गंभीर रूप से घायल हो गया.
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जानकारी के अनुसार, कथित रूप से शराब तस्करी गतिविधियों पर मोती नाम के एक हिस्ट्रीशीटर को संपत्ति की कुर्की के लिए दो पुलिसकर्मी कानूनी नोटिस देने गए थे, जब उनके सहयोगियों द्वारा घात लगाकर हमला किया गया, लाठी और अन्य हथियारों से हमला किया गया और बंधक बना लिया गया. एक तलाशी अभियान चलाया गया और अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को बुलाया गया, जो पुलिसकर्मी घटना स्थल से भागने में कामयाब रहे, उन्होंने अधिकारियों को सूचित किया.
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सिद्धपुरा पुलिस थाने के तहत आने वाले नगला धीमर गांव के एक खेत में दोनों पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, बाद में इलाज के दौरान देवेंद्र ने दम तोड़ दिया. इस दौरान आरोपी मोती धीमर का भाई ओमकार धीमर एक मुठभेड़ में मारा गया. हालांकि मोती और उसके कुछ साथी फरार हो गए. फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है.
Source : News Nation Bureau