उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा और मौत पर सरकार, पक्ष-विपक्ष और मीडिया के अपने-अपने दावे हैं। इस बीच बरेली के जिलाधिकारी (डीएम) राघवेंद्र विक्रम सिंह ने कथित तिरंगा यात्रा और उसके उद्देश्य पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने रविवार को लिखे गये अपने पोस्ट में कहा, 'अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली के खेलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए....।'
हालांकि बाद में सिंह ने अपने पोस्ट को एडिट किया। उनके पोस्ट पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है।
वहीं सरकार ने कासगंज की कश्मीर से तुलना किये जाने पर योगी सरकार ने कहा है कि यह ठीक नहीं है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, 'सरकार उसके (कासगंज हिंसा) बारे में गंभीर है। कार्रवाई कर रही है। इस मामले की कश्मीर से तुलना करके प्रदेश का माहौल न खराब किया जाए।'
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आपको बता दें कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर कथित तौर पर समुदाय विशेष के लोगों ने संघ से संबद्ध एबीवीपी-विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की तिरंगा यात्रा पर पथराव कर दिया था जिससे पूरे शहर में बवाल हो गया था।
गोली लगने से एक युवक चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी जबकि दो घायल हो गए। पथराव में आधा दर्जन चोटिल हैं, जिसमें कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।
इस मामले में योगी सरकार ने कासगंज के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह को स्थानांतरित कर दिया।
कासगंज की गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने एवं मामले की सच्चाई जानने के लिए सरकार के निर्देश पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कासगंज भेजा गया था।
रविवार को प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार और डीजीपी ओ.पी. सिंह ने मुख्यमंत्री को स्थिति से अवगत कराया था। इस घटना की गाज जनपद के एसपी पर गिरना तय माना जा रहा था।
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Source : News Nation Bureau