काजगंज जिले का नाम एक बार फिर बदला जा सकता है. जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में इसका नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव पास हो गया है. बैठक में कासगंज (Kasganj) का नाम बदलकर पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल स्वर्गीय कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के नाम पर रखने का प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया है. अब इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा. कासगंज जिला पंचायत बोर्ड की बैठक अध्यक्ष रत्नेश कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित हुई. कासगंज जिला पंचायत वॉर्ड संख्या 4 की सदस्य सितारा कश्यप ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि जिला कासगंज का नाम बदलकर स्वर्गीय कल्याण सिंह के नाम पर रखा जाए. सदस्यों ने इस प्रस्ताव को बहुमत से पारित कर दिया. अब इस प्रस्ताव को अब उत्तर प्रदेश शासन को भेजा जाएगा.
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पहले भी बदला गया नाम
गौरतलब है कि मायावती सरकार में उत्तर प्रदेश में जिला कासगंज का गठन 17 अप्रैल 2008 को हुआ था. इससे पहले यह एटा का हिस्सा होता था. तब कासगंज जिले का नाम बदलकर कांशीराम नगर रखा गया था. जब 2012 में प्रदेश में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो कासगंज जिले का नाम कांशीराम नगर से बदलकर फिर से कासगंज कर दिया. अब योगी सरकार में एक बार फिर नाम बदलने की कवायद की जा रही है. यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि कासगंज का नाम ऐसे समय में बदलने की कोशिश की जा रही है जब स्थानीय लोग कासगंज जिले का नाम बदलकर संत तुलसीदास नगर अथवा भगवान वराह नगर रखने की मांग कर रहे हैं.
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दूसरी तरफ कासगंज जिले के स्थानीय निवासी व अखंड आर्यावर्त निर्माण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश शर्मा का कासगंज जिले का नाम बदलकर कल्याण सिंह के नाम पर रखने के बारे में कहना है कि सर्वसमाज में स्वर्गीय कल्याण सिंह एक सम्मानीय व्यक्ति के तौर पर हैं. जिला अलीगढ़ का अतरौली उनका गृह क्षेत्र है, इसलिए अतरौली क्षेत्र को एक नया जिला सृजित कर उसे कल्याण सिंह नगर का नाम दिया जाना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- 2008 में एटा से अलग कर नया जिला बना था कासगंज
- मायावती के शासनकान में रखा गया कांशीराम नगर नाम
- तुलसीदास और भगवान वराह के नाम पर भी हो चुकी है मांग