राम मंदिर के बाद काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी केस में कोर्ट का बड़ा फैसला, पुरातत्व विभाग करेगी सर्वे

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामले (Kashi Vishwanath-Gyanvapi case) में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पुरातत्व विभाग को जांच करने का आदेश दिया है. अदालत के इस फैसले को बड़ा फैसला बताया जा रहा है. 

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Karm Raj Mishra
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Kashi Vishwanath-Gyanvapi

Kashi Vishwanath-Gyanvapi( Photo Credit : News Nation)

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अयोध्या विवाद (Ayodhya Dispute) का फैसला आने के बाद राम जन्मभूमि (Ram Janambhoomi) पर राम मंदिर का निर्माण शुरू भी शुरू हो गया है. राम मंदिर (Ram Mandir) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने के बाद अब काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) और मथुरा (Mathura) के मुहिम तेज हो गई है. काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Kashi Vishwanath-Gyanvapi Case) में आज कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामले (Kashi Vishwanath-Gyanvapi case) में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पुरातत्व विभाग को जांच करने का आदेश दिया है. अदालत के इस फैसले को बड़ा फैसला बताया जा रहा है. 

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पुरातत्व विभाग की जांच के लिए काशी विश्वनाथ की ओर से याचिका दी गई थी. इस याचिका पर हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने आज काशी विश्वनाथ पक्षकारों की याचिका को स्वीकार करते हुए पुरातत्व विभाग को जांच सौंप दी है. जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस फैसले को काशी विश्वनाथ की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. 

खास बात यह है कि पिछले दो वर्षों से भी ज्यादा वक्त से पूरे ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र के पुरातात्विक सर्वे की मांग करने वाले प्रार्थना पर फैसला अचानक तेजी से सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपने ट्रांसफर होने के ठीक पहले सुनवाई के दौरान दिया है. कोर्ट ने वादी काशी विश्वनाथ मंदिर पक्ष की ओर से 1991 से चल रहे इस मामले में दिसंबर 2019 को पुरातात्विक सर्वे की मांग को स्वीकार करते हुए पूरे ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र का पुरातात्विक सर्वे का आदेश दिया है. 

खास बात यह है कि कुछ दिनों पहले ही संबंधित सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रेक कोर्ट आशुतोष तिवारी के ट्रांसफर ऑर्डर वाराणसी से शाहजहांपुर का आ चुका है. लेकिन जज आशुतोष तिवारी को 9 अप्रैल को अपना चार्ज हैंडओवर करना है. इससे पहले ही उन्होंने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले को मंदिर पक्षकारों के हित में बड़ा फैसला बताया जा रहा है. 

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इस बारे में काशी विश्वनाथ मंदिर के पक्षकार और वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि औरंगजेब ने अपने शासन के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने का फरमान जारी किया था, लेकिन उस फरमान में वहां मस्जिद कायम करने का फरमान कहीं से भी नहीं दिया गया था. लेकिन फिर भी यह विवादित ढांचा वहां बना दिया गया. वादी पक्ष का कहना है कि विवादित ढांचा काशी विश्वनाथ मंदिर की जगह पर ही बनाया गया है.

HIGHLIGHTS

  • काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले बड़ा फैसला
  • पुरातत्व विभाग करेगी पूरे इलाके का सर्वे
  • अपने ट्रांसफर से पहले जज आशुतोष तिवारी ने सुनाया फैसला

Source : News Nation Bureau

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