किसान आंदोलन: बाप नरम तो बेटा गरम, चिल्ला बॉर्डर पर बैठे किसानों में दो फाड़

चिल्ला बार्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन के चलते एक दिसंबर से नोएडा-दिल्ली लिंक रोड अवरूद्ध था. हालांकि यहां अभी कुछ किसान डटे हुए हैं.

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Dalchand Kumar
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किसान आंदोलन: चिल्ला बॉर्डर पर बैठे किसानों में दो फाड़( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. राजधानी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर को जाम करके वहां किसान धरना दे रहे हैं. नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को किसानों ने शनिवार देर रात फिर से खोल दिया. चिल्ला बार्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन के चलते एक दिसंबर से नोएडा-दिल्ली लिंक रोड अवरूद्ध था. हालांकि यहां अभी कुछ किसान डटे हुए हैं. साथ ही चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शन करने वाले किसानों में दो फाड़ नजर आ रही है. 

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दरअसल, चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानु) के नेतृत्व में प्रदर्शन किया जा रहा है. जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह हैं. वहीं इसी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर योगेश प्रताप सिंह हैं. योगेश प्रताप राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के बेटे हैं. योगेश प्रताप का कहना है कि अब इस आंदोलन को आगे वो बढ़ाएंगे क्योंकि पिताजी का रुख लगातार नरम होता जा रहा है.

योगेश प्रताप का कहना है कि कल (शनिवार) रास्ता खोलने का निर्णय पिता (भानु प्रताप सिंह) का था, जिससे वह सहमत नहीं और इसीलिए आज अपने मन से वह भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. योगेश का कहना है भूख हड़ताल पर बैठने से पहले पिता (भानु प्रताप सिंह) का आशीर्वाद लेकर नहीं आया हूं, वो मिले नहीं, ईश्वर का आशीर्वाद लेकर बैठ गया हूं. योगेश प्रताप का कहना है पिता से मेरे विचार मिलते हैं या नहीं मिलते हैं यह मैं नहीं जानता, लेकिन मैं किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए आया हूं, जब तक तीनों बिल वापस नहीं होंगे वापस नहीं जाऊंगा.

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इससे पहले शनिवार को चिल्ला बॉर्डर खोल दिया गया था. जिसके बारे में नोएडा के उप पुलिस आयुक्त (डीसीपी) राजेश एस ने बताया कि किसान प्रदर्शन स्थल को खाली करने के लिए राजी हो गए और सड़क पूरी तरह से फिर से खुल जाएगी. कुछ प्रदर्शनकारी वहां अभी भी हैं, लेकिन वे जल्द ही इसे खाली कर देंगे. वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने बताया था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आश्वासन के बाद हम लोगों ने चिल्ला बॉर्डर पर चल रहे धरने को समाप्त करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि धरना स्थल पर अखंड रामायण का पाठ हो रहा है और रविवार को उसका समापन हो जाएगा। उसके बाद पूरे मार्ग को खोल दिया जाएगा.

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