दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक बनारस की पहचान भारत की सांस्कृतिक राजधानी की रही है. सदियों से यह हिंदुओं के धर्म और आस्था का केंद्र रहा है. शहर के रूप में बनारस की पहचान तंग गलियों और मंदिरों के शहर की है. धार्मिक कारणों से बनारस को 'मिनी इंडिया' कहा जाता है. देश के कोने-कोने से पूर्व से लेकर पश्चिम तो उत्तर से लेकर दक्षिण तक के लोग यहां निवास करते हैं. बनारस में बंगाल,महाराष्ट्र और दक्षिण के सभी राज्यों के लोगों का बनारस में मोहल्ला है. ऐसी मान्यता है कि बनारस भगवान शिव की नगरी है. बनारस को वाराणसी और काशी के नाम से भी जाना जाता है.
प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के कारण अब बनारस को जानने-समझने की उत्सुकता पूरे विश्व को है. "शहर बनारस" क्या है इसको समझाने के लिए न्यूज नेशन ने बुधवार को "बनारस देखत हौ..." नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. जिसमें वाराणसी के कल,आज और कल पर चर्चा होगी. बनारस देखत हौ.... का विशेष आयोजन नई दिल्ली के होटल ताज महल के दीवान-ए-आम में रखा गया है. दोपहर दो बजे से शुरू होने वाले इस विशेष चर्चा में भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केद्रीय अलपसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार में औद्योगिकविकास मंत्री सतीश महाना एवं दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी भाग लेंगे.
काशी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है. धर्म, आस्था, संस्कृति, संगीत तो यहां सदियों से फूल-फल रही है. लेकिन विकास की दौड़ में यह शहर पीछे छूट गया था. साल 2014 के पहले बनारस की पहचान तंग और छोटी गलियों की रही. लेकिन साल 2014 से बनारस के दिन तभी से बदलना शुरू हो गया जब से नरेंद्र मोदी ने बनारस को अपना संसदीय सीट चुना. नरेंद्र मोदी बनारस से भारी मतों से निर्वाचित हुए और देश के प्रधानमंत्री बनें. पिछले सात सालों में बनारस का कायाकल्प हो गया है. अब यह विश्व के आधुनिकतम शहरों से टक्कर लेने लगा है.
बनारस एक ऐसा शहर है जो न केवल मंदिरों, बल्कि धार्मिक परंपराओं, घाटों के लिए जाना जाता है. इस शहर की आत्मा यहां की गलियों में बसती हैं इसलिए हम बनारस को गलियों का शहर भी कहते हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में अब यहां रहने वालों के जीवन स्तर में भी लगातार बदलाव आ रहा है. हम साफतौर पर देख सकते हैं. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत आध्यात्मिक नगरी में कई स्तरों पर काम हो रहा है. पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र बनने के बाद बनारस की सड़कें पहले की तुलना में अब ज्यादा बेहतर हुई हैं और घाटों की स्थिति भी पहले के मुक़ाबले बेहतर दिखाई देती है.
Source : News Nation Bureau