Digital Arrest: इन दिनों देशभर से हमारे सामने लगातार डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा से भी डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है. ताजा मामला नोएडा के सेक्टर 120 का है, जहां एक बुजुर्ग महिला को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया और करीब 19 लाख रुपये की ठगी की. दरअसल, अपराधियों ने खुद को सीबीआई ऑफिसर बताया और नमीता खरे को साइबर अरेस्ट कर लिया. उन्होंने बुजुर्ग महिला को बताया कि उनके नाम से एक पार्सल चीन भेजा गया है, जिसमें ड्रग्स मिला है.
पीड़ित को डरा कर वसूले लाखों रुपये
जैसे ही नमीता को सीबीआई ऑफिसर बनकर साइबर ठगों ने यह बताया, वह डर गई. कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर महिला को अपने जाल में फंसाया और फिर धीरे-धीरे कर अपराधियों ने 19 लाख रुपये वसूल लिए. यह पहला मामला नहीं है, जो नोएडा से सामने आया है. नोएडा और देशभर से कई डिजिटल अरेस्ट सामने आ चुके हैं.
जानें क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट में अपराधी पीड़ित को मानसिक रूप से इतना प्रभावित कर देता है कि वह ठगों की बातों में आ जाते हैं. हालांकि इसके नाम से ही यह समझ आ जाता है कि इसमें अपराधी किसी को भी अपना शिकार ऑनलाइन के जरिए बनाता है. इसमें पीड़ित को वीडियो कॉल या कॉल के जरिए बंधक बनाया जाता है. इसमें अपराधी खुद को पुलिस ऑफिसर या कोई अधिकारी बताकर पीड़ित को बुरी तरह से डरा देता है और फिर कानूनी कार्रवाई का खौफ दिखाते हुए पीड़ित को घर पर ही कैद कर लेता है और उसे इतना मजबूर कर देते हैं कि पीड़ित को पैसे देना पड़ जाता है.
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लगातार सामने आ रहे हैं डिजिटल अरेस्ट के मामले
2. नोएडा के बुजुर्ग महिला के अलावा बीते कुछ दिनों में नोएडा से डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आ चुके हैं. दूसरा मामला सेक्टर 31 का है, जहां रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया और उससे करीब 2 करोड़ रुपये ठग लिए गए. इसे लेकर पीड़ित ने साइबर क्राइम सेक्टर 36 में शिकायत दर्ज कराई है. मेजर जनरल ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 10 अगस्त को एक कॉल आया था और साइबर ठगों ने खुद को एक कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताया.
उन्हें बताया गया कि एक पार्सल उनके नाम से ताइवान जा रहा था, जिसे मुंबई कस्टम द्वारा पकड़ गया है. उस पार्सल में ड्रग्स मिला है. जिसके बाद जब पीड़ित उनकी बातों में आ गया, तो उसे व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया. करीब 4 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर पीड़ित से 2 करोड़ रुपये वसूले गए.
3. तीसरी घटना भी नोएडा सेक्टर 62 की बताई जा रही है. जहां 36 वर्षीय रंजना को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया और फिर मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर महिला से 10 लाख रुपये की ठगी की गई. यह मामला 7 अगस्त का बताया जा रहा है. 7 अगस्त को रंजना को कॉल आया और 8 अगस्त की सुबह उसके साथ ठगी की गई.
4. चौथा मामला यूपी की राजधानी लखनऊ से सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एक डॉक्टर को फोन कॉल के जरिए अपना शिकार बनाया और उससे 48 लाख रुपये ठग लिए. जब डॉक्टर अपने क्लिनिक से घर जा रहा था, उस समय उसके पास एक कॉल आया और उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया. आरोपियों ने डॉक्टर को यह कहकर डराया कि उनके खाते से करोड़ों रुपये की संदिग्ध लेनदेन की गई है. जिसके बाद उसे डराकर एक खाते में पैसे ट्रांसफर करवाए. डॉक्टर को यह भी कहा कि वह खाते से पैसे ट्रांसफर करने के बाद इसे वापस लौटा देंगे. जिसके बाद डॉक्टर ने पैसे ट्रांसफर कर दिया. ठगी का शिकार होने के बाद डॉक्टर ने इसके खिलाफ लखनऊ साइबर पुलिस को इसकी शिकायत दर्ज कराई है.
5. पांचवा मामला यूपी के बलिया से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति को एक घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर उससे 60 हजार रुपये वसूले गए. हरेकृष्णा के पास एक कॉल आया, जिसने अपना परिचय देते हुए आरोपी ने खुद को इंस्पेक्टर बताया और कहा कि आपकी बेटी को गिरफ्तार कर लिया गया है. जैसे ही पिता ने सुना कि उसकी बेटी को पकड़ लिया गया है, उसे कुछ भी समझ नहीं आया. इंस्पेक्टर बन अपराधी ने 1.5 लाख रुपये की मांग की. जिसके बाद डरे सहमे पिता ने पहले 40 हजार और फिर 20 हजार रुपये दिए गए खाते में भेजे. वहीं, जैसे ही बेटी से पिता का संपर्क हुआ, उसे पता चला कि उसकी बेटी अपने भाई के पास है. जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत बैंक में और फिर पुलिस में की.