69000 teachers candidate protest: उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद से शिक्षक अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं. सोमवार को अभ्यर्थियों ने प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर के बाहर प्रदर्शन करते हुए आवास का घेराव किया था. वहीं, मंगलवार को अभ्यर्थियों ने अनुप्रिया पटेल के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए. दरअसल, यह प्रदर्शन भर्ती में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए की जा रही है. शिक्षक अभ्यर्थियों ने तीन सूत्रीय मांग की है.
तीन सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा है प्रदर्शन
जिसके अनुसार सरकार को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना, पुरानी सूची को हटाना और नई सूची के आधार पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. इस दौरान एक अभ्यर्थी की तबीयत बिगड़ गई और उसे अस्पताल में एडमिट कराया गया है. जानकारी की मानें तो अनुप्रिया पटेल अपने आवास पर नहीं है. वह फिलहाल प्रयागराज में हैं और यहां से लौटन के बाद अभ्यर्थियों से मुलाकात करेंगी.
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अभ्यर्थियों का क्या है आरोप
बता दें कि धरना प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का आरोप है कि यह परीक्षा 2018 में ली गई थी और इसमें आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय हुआ. जिसके बाद अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लंबे समय तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ने के बाद बीते 13 अगस्त, 2024 को हाईकोर्ट के डबल बेंच ने इस पर फैसला सुनाया. यह फैसला आरक्षित वर्गों के पक्ष में रहा और सरकार को नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने का आदेश दिया. इसके बाद भी अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. इस तरह से नियुक्ति में देरी से समय, आजीविका और करियर दोनों को नुकसान हो रहा है.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अनुप्रिया पटेल ने दी प्रतिक्रिया
आपको बता दें कि इस भर्ती को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ने आरक्षण नियमों की अवहेलना का आरोप लगाया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने आरक्षित वर्गों के हक में फैसला सुनाते हुए नई सूची के आधार पर नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया है. इस फैसले का अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने स्वागत किया था और कहा था कि वह इसे लेकर सीएम योगी को पत्र लिखेंगी.