उन्नाव मामले में आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ बीजेपी ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में जारी तनाव को देखते हुए सेंगर को पार्टी से बाहर कर दिया गया है. दरअसल इससे पहले सेंगर को पार्टी से निलंबित किया गया था. लेकिन उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के बाद अब उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया है. बता दें पार्टी का ये फैसला ऐसे समय में सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि उन्नाव रेप मामले की जांच उत्तर प्रदेश से बाहर होगी.
दरअसल रेप पीड़िता का परिवार उत्तर प्रदेश से बाहर जांच की मांग लगातार उठाता रहा है. परिजनों का कहना था कि रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के गुर्गे उन्हें धमकी देते हैं. उनपर केस वापस लेने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है. उन्नाव रेप कांड की पीड़िता ने 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नाम एक खत लिखा था.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उस खत में पीड़िता ने इस बात का संदेह जताया था कि उसके और उसके परिवार की जान खतरे में है. रेप का आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर लगातार उसे और उसके परिवार को खत्म करवाने की धमकी दे रहा है. यह बात मीडिया में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस चिट्ठी का संज्ञान लिया. CJI ने रजिस्ट्री से भी रिपोर्ट तलब की कि आखिर ख़त को उनके सामने पेश करने में देरी क्यों हुई. बृहस्पतिवार को पीड़िता के वकील के द्वारा लिखा गया एक प्रार्थना पत्र वायरल हुआ है. यह प्रार्थना पत्र पीड़िता के वकील ने जिलाधिकारी को लिखा था. इसमें उसने बताया था कि उसे लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है. इतना ही नहीं उसने आरोप लगाया था कि सत्ता के दबाव में उसके बंदूक के लाइसेंस को नहीं बनाया जा रहा है.
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वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि पीड़िता को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने दोपहर 2 बजे पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है.