कुशीनगर जिले में तुर्क पट्टी थानाक्षेत्र के बैरागी पट्टी गांव में सोमवार को एक मस्जिद में विस्फोट के बाद गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों से पुलिस ने शुक्रवार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की. इन आरोपियों को मंगलवार की शाम को ही गिरफ्तार कर लिया गया था और बुधवार को जेल भेजा गया था. पुलिस ने उन्हें रिमांड पर दिए जाने का आग्रह अदालत से किया था जो अदालत ने मान लिया और आरोपियों को 48 घंटे की पुलिस रिमांड पर भेजने का फैसला दिया. आरोपियों मौलवी अजीमुद्दीन उर्फ अजीम, इजहार, आशिक अंसारी और जावेद अंसारी की पुलिस रिमांड अवधि आज सुबह से शुरू हो गई.
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गोरखपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक जय नारायण सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को 48 घंटे की पुलिस रिमांड पर लिया गया है और रिमांड की अवधि आज सुबह से शुरू हो गई. हाजी कुतुबुद्दीन का गोरखपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा था. उसे और उसके पोते को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया.
लखनऊ में पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि कुतुबुददीन और उसके पोते अशफाक को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. उनके समेत कुल छह लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
उन्होंने बताया कि अब तक किसी आतंकी कनेक्शन की जानकारी नहीं मिली है . हम मामले की जांच कर रहे हैं. इस बीच खुफिया ब्यूरो, आतंकवादी रोधी दस्ता और स्पेशल इंटेलिजेंस एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही हैं . इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है कि आरोपियों के आतंकवादियों से कोई संबंध है या नहीं. मस्जिद के इमाम मौलाना अजीमुद्दीन पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.
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उन्होंने और कुछ लोगों ने पुलिस को बताया था कि विस्फोट इनवर्टर की बैटरी के कारण हुआ था. बैटरी मस्जिद के स्टोर में रखी हुई थी. पूछताछ के दौरान हालांकि मौलाना ने पुलिस को बताया कि गांव के चार लोगों की मदद से हाजी कुतुबुद्दीन ने कुछ सामान के साथ एक बैग छत पर लगे हुक से बांधा था. सिंह ने बताया कि सात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, धारा 295 और धारा 120 बी सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.