उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसा तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले की सीबीआई जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका स्वदेश एनजीओ और प्रयागराज लीगल एड क्लीनिक की ओर से दाखिल की गई है. इसके तहत यह अपील की गई है कि यदि इस मामले की सीबीआई जांच की जाती है तो इसकी पूरी निगरानी हाईकोर्ट द्वारा किया जाए. साथ ही यह भी मांग की गई है कि इस मामले में यदि कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. संस्थाओं की तरफ से एडवोकेट गौरव द्विवेदी ने यह याचिका दाखिल की है.
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याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर लखीमपुर तक में बैठे पुलिस अधिकारियों की भूमिका व लापरवाही की जांच की जानी चाहिए. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तिकुनिया गांव में हुई हिंसा और आगजनी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें चार किसान, एक स्थानीय पत्रकार और बीजेपी कार्यकर्ता शामिल हैं. वहीं मामले में एक दर्जन से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. दरअसल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक़ लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे, जहां ज़िले के वंदन गार्डन में उन्हें सरकारी योजनाओं का शिलान्यास करना था. इस कार्यक्रम में केशव प्रसाद मौर्य हेलीकॉप्टर से जाने वाले थे लेकिन उनका प्रोटोकॉल बदल दिया गया और वह सड़क मार्ग से लखीमपुर पहुंचे. संयुक्त किसान मोर्चा ने उपमुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के विरोध और काफिले के घेराव की चेतावनी दी थी.
HIGHLIGHTS
- दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
- हाईकोर्ट की निगरानी में जांच करने की मांग की गई
- पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच करने को कहा