वामपंथी दलों के नेता और छात्र संगठन राजघाट पहुंचे. यहां उन्होंने मानव श्रृंखला बनाकर कर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों में सीताराम येचुरी और वृंदा करात भी शामिल हुए. वृंदा करात ने न्यूज़ नेशन से बात करते हुए कहा कि सरकार अहिंसक रूप से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत भी नहीं दे रही. यहां पहुंचने से पहले कई छात्रों और वकीलों को हिरासत में लिया गया. वृंदा करात ने यह भी कहा कि मौजूदा सत्ताधारी दल गांधी की हत्या करने वाले गोडसे के साथ खड़ी हुई नजर आती है.
हिंसा का प्रयोग प्रदर्शनकारी नहीं, बल्कि वह लोग कर रहे हैं जो इस प्रदर्शन के खिलाफ हैं या फिर पुलिस कर रही हैं. वहीं सीताराम येचुरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार संवाद करे. सरकार प्रदर्शनकारियों से बात करे. बातचीत के बिना कोई रास्ता नहीं निकल सकता.
जामिया मिलिया इस्लामिया में जो कुछ हुआ वह हिंसा की सोच थी. वह लोग जो प्रदर्शन के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल करना चाहते हैं वह लोकतंत्र को खत्म करने में लगे हैं.
Source : News Nation Bureau