उत्तर प्रदेश में कल यानि कि बुधवार से शराब की दुकानें खुल सकती है. यूपी के बनारस समेत कुछ ज़िलों में जिलाधिकारियों ने एक बजे दिन तक शराब की दुकानें और बाकी जरूरी सामानों की दुकानें खोलनी की इजाजत दी है. आबकारी सूत्रों के मुताबिक कर्फ्यू का फ़ैसला करते वक्त सरकार की तरफ से आबकारी की दुकानें को बंद करने का कोई आदेश नहीं था.लेकिन पिछले कई दिनों से दुकानें बंद चल रही है, जिसकी वजह से दुकानदारों ने आपत्ति दर्ज कराई थी. एसोसिएशन ने आबकारी विभाग से दुकानों को खोलने की परमीशन देने के लिये कहा है. इसी क्रम में अपने विवेकाधीन फ़ैसले के तहत जिले के जिलाधिकारी शराब की दुकाने खोलने की इजाज़त दे सकते हैं.
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शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि शराब दुकानें नहीं खुलने से सैकड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं. वहीं, प्रतिदिन 100 करोड़ का नुकसान हो रहा है. एसोसिएशन के महामंत्री कन्हैयालाल मौर्या के मुताबिक, प्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले से करोना महामारी में घोषित कर्फ्यू से शराब की दुकानें बंद हैं.
मौर्या ने कहा कि हालांकि, शराब की दुकानें बंद करने का शासनादेश में कोई उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा लाइसेंस धारकों को दुकान बंद करने का कोई आदेश मिला है. उन्होंने कहा कि इससे शराब लाइसेंस धारकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसीलिए पूरे प्रदेश से शराब कारोबारी दुकानें खोलने की मांग सरकार से कर रहे हैं.
एसोसिएशन के महामंत्री ने कहा कि यूपी में रोजाना 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो रहा है और शराब की दुकानें बंद होने से निर्धारित मासिक कोटा और लाइसेंस फीस की चिंता भी सता रही है. इसके चलते यूपी के सीएम, आबकारी सचिव तथा आबकारी आयुक्त को पत्र लिखकर शराब की दुकानें खोलने की मांग रखी गई है.