उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनान 2019 को लेकर सपा-बसपा की सीटों और गठबंधन का औपचारिक एलान शनिवार को हो सकता है. बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती लखनऊ में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका एलान कर सकते हैं. आपको बता दें कि सपा-बसपा में लंबे समय से गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी. इसी क्रम में एक सप्ताह पहले ही अखिलेश यादव ने मायावती से मुलाकात की थी. दोनों की यह मुलाकात लगभग डेढ़ घंटे तक चली. मुलाकात के बाद वहीं कयास लगाए जाने लगे कि दोनों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात तय हो गई है और अब इसका औपचारिक एलान बाकी है.
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में से सपा और बसपा की योजना 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने की है. इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को भी दो या तीन सीटें देने की चर्चा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सीट अमेठी और सोनिया गांधी की सीट रायबरेली पर महागठबंधन अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगा.निषाद पार्टी को भी महागठबंधन में शामिल किया जा सकता है.
SP-BSP posters and party flags seen in Lucknow. Akhilesh Yadav and Mayawati will jointly address the media later today pic.twitter.com/bfxRUVMJcx
— ANI UP (@ANINewsUP) January 12, 2019
2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 80 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने 73 सीटें जीती थीं और इस बार उसके नेता 73 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं. बसपा-सपा और रालोद ने साथ मिलकर उपचुनाव लड़ा था जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट और उप मुख्यमंत्री की फूलपुर सीट से सपा प्रत्याशियों को जीत मिली थी. जबकि कैराना सीट पर रालोद प्रत्याशी ने भाजपा से यह सीट छीनी थी.
पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वह 15 जनवरी को अपने जन्म दिन के दिन महागठबंधन की साझा प्रेस कांफ्रेंस कर सकती है लेकिन अब जन्म दिन के तीन दिन पहले ही इस प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें- अवैध बालू खनन मामला : 14 ठिकानों पर CBI की छापेमारी, अखिलेश यादव से भी हो सकती है पूछताछ
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में अवैध बालू खनन की जांच के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला के आवास सहित दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 14 ठिकानों पर छापेमारी की. सूत्रों की मानें तो सीबीआई(CBI) इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी पूछताछ कर सकती है. 2012-17 के दौरान अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, 2012-13 के दौरान अखिलेश यादव के पास राज्य के खनन मंत्रालय का भी प्रभार था.
Source : News Nation Bureau