लॉकडाउनः मुंबई से यूपी लौटे मजदूर, रेलवे स्टेशन पर नहीं हो रहा टेस्ट

प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर बाहर से लौटे इन लोगों को कवरेन्टीन सेंटर ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी. हालांकि, स्टेशन के एग्जिट गेट से पहले मेडिकल टीम की तरफ से चंद लोगों का एंटीजेन टेस्ट किया गया.

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Shailendra Kumar
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मुंबई से यूपी लौटे मजदूर, रेलवे स्टेशन पर नहीं हो रहा टेस्ट( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पूर्वांचल से देश भर के तमाम महानगरों में रोजगार की तलाश में गए मजदूर-कामगार तेजी से बढ़ते कोरोना के कहर के चलते पैदा हुए हालात के कारण वापस अपने घरों को लौटने को मजबूर हैं, ये लोग तमाम ट्रेनों और बसों में भरकर लगातार पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में पहुंच रहे हैं . सवाल इस बात का है महाराष्ट्र के मुंबई और दूसरे शहर से पहुंचने वाले लोग अपने साथ संक्रमण भी ला रहे हैं,ऐसे में इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार और प्रशासन ने क्या कुछ इंतज़ाम किये हैं, क्या इन्हें इनके घरों से पहले किसी कवरेन्टीन सेंटर में रखा जा रहा है, या ये अनजाने में ही सही शहरों के बाद गांवों में भी संक्रमण फैला रहे हैं.

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लोकमान्य तिलक टर्मिनस से चलकर वाराणसी जाने वाली ट्रेन कामायनी एक्सप्रेस जैसे ही प्रयागराज जंक्शन पहुंची इस ट्रेन में सवार मजदूरों और कामगारों का रेला प्लेटफार्म पर जैसे फूट पड़ा, लंबा सफर तय कर ये लोग अब अपने घरों से ज्यादा दूर नहीं थे लिहाजा ट्रेन से उतर कर तेज़ कदमो से स्टेशन के गेट की तरफ लपके इस बीच एग्जिट गेट पर थोड़े से लोगों को एंटीजेन टेस्ट के लिए रोका गया लेकिन भारी भीड़ आगे बढ़ चली थी, कामायनी एक्सप्रेस से निकले इन लोगों से बात की संवाददाता मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने और इनसे जाना कि वो किन हालात में मुम्बई और दूसरे शहरों से लौटे हैं, क्या वो सीधे अपने घरों को पहुंचेंगे, घर पहुंचने पर क्या वो कुछ दिन परिवार और गांव-पड़ोस के लोगों से कुछ दिन दूरी बनाएंगे या नहीं.

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प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर बाहर से लौटे इन लोगों को कवरेन्टीन सेंटर ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी. हालांकि, स्टेशन के एग्जिट गेट से पहले मेडिकल टीम की तरफ से चंद लोगों का एंटीजेन टेस्ट किया गया, लेकिन बाकी भीड़ तेज़ी से बाहर की ओर झपटी और इन्हें ऑटो-रिक्शा जो मिला उसमें सवार होकर अपने घरों को रवाना हो गए.

दरअसल, प्रयागराज में ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए कोई फिलहाल कोई क्वारंटीन सेंटर नही बनाया गया था. इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों से भी जानकारी मांगी गई, लेकिन सबने चुप्पी साध ली. लेकिन ये प्रवासी मजदूर प्रयागराज के अलावा जौनपुर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, भदोही, कौशाम्बी जैसे जिलों से संबंधित से थे और इस बात की उम्मीद कम ही है कि दूसरे जिलों में भी ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए कोई क्वारंटीन सेंटर काम कर रहा होगा. वो भी ऐसे हालात में जब गंभीर कोरोना मरीजों के लिए भी अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है.

HIGHLIGHTS

कोरोना संकट का बढ़ता प्रकोप

पलायन को मजबूर मजदूर

कोरोना जांच में स्टेशनों पर हो रही लापरवाही

lockdown लॉकडाउन Railway Station corona test workers returned from Mumbai to UP
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