lok sabha election 2024 : भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल और सोशल मीडिया ने 2014 से जो बढ़त ली है यानी परिणामों में सफलता मिली उसकी बढ़त को आज तक कोई विपक्ष की पार्टी भी नहीं रोक पाई. 2024 में बीजेपी IT में किसी बाहरी एजेंसी की मदद नहीं लेगी, बल्कि आत्मनिर्भर का फार्मूला अपना रही है. बीजेपी कार्यकर्ताओं को ऐसे ऐप दिए जा रहे हैं और कुछ इस तरह का ऐप लगातार बनाए जा रहे हैं, जो 2024 के लोकसभा चुनाव को साइबर वॉर की तरह बदल देंगे. बीजेपी के लखनऊ मुख्यालय में अंकित चंदेल सोशल मीडिया को हेड करते हैं. सोशल मीडिया का पार्टी से क्या रिश्ता है, चुनाव में क्या महत्व है और यह कितना प्रभावी है, इसे लेकर सोशल मीडिया के हेड अंकित चंदेल ने न्यूज नेशन से अपने विचार साझा किए हैं.
सोशल मीडिया के हेड अंकित चंदेल ने कहा कि आप अंदाजा लगाइए कि जो तैयारी है, पार्टी और संगठन के अंतिम लाइन तक पहुंचने की तैयारी है. इससे पहले के जो प्रयास हुए थे, वह प्रभावशाली तो रहे, लेकिन इस बार पिछली कई गलतियां जो निकल कर सामने आईं, उन सबको सुधार करके सरल ऐप और इस तरह के कई ऐप भारतीय जनता पार्टी लेकर आ रही है, जिससे ना सिर्फ आईटी का नेटवर्क मजबूत होगा, बल्कि मतदाताओं की संख्या भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में करने में मिनटों में काम होगा. इस वक्त तैयारी में एक लाख बूथों पर बीजेपी के एक लाख व्हाट्सएप ग्रुप हैं. एक लाख में 10,000 नंबर जोड़े गए हैं. कई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम और सिग्नल जैसे माध्यमों का भी उपयोग किया जा रहा है.
कई ऐसे ऐप बन गए हैं और इस्तेमाल हो रहा है, जिसका नाम और उसके काम करने का तरीका बाहर के लोगों को नहीं पता होगा, बल्कि अधिकृत लोगों के मोबाइल पर होगा और वही उसको चला पाएंगे. 2024 में खास बात देखें तो सभी सोशल मीडिया ग्रुपों पर हर जिले का वेरिफाई टि्वटर हैंडल होगा, पेज होंगे, इंस्टाग्राम का इस्तेमाल होगा. 10 करोड़ सदस्य तो सिर्फ व्हाट्सएप ग्रुप से ही जुड़े हुए हैं. यूपी की जनसंख्या जहां 26 करोड़ के आसपास है, उसमें आप सोचिए कि 10 करोड़ तक आईटी सेल मात्र 5 मिनट में पहुंच सकती है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक 22 जनवरी को है, लेकिन यह सब जानते हैं कि ठीक केंद्रीय संगठन की कार्यकारिणी के बाद यूपी कार्यकारिणी की बैठक का मतलब है मिशन 2024 की शुरुआत.
Source : Alok Pandey