अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भगवान राम का 155 देशों के जल से अभिषेक होगा. सभी समुद्रों महासागरों और 155 देशों के प्रमुख नदियों के जल भारत लाए गए हैं और सबसे बड़ी बात पाकिस्तान और बाबर के जन्म भूमि से भी जल मंगाया गया है. दुनिया भर से जल इकट्ठा करने की जिम्मेदारी बीजेपी के दिल्ली के नेता विजय जॉली को सौंपी गई थी विजय जौली ने अपनी टीम के साथ मिलकर ढाई साल में 155 देशों के जल को इकट्ठा किया है. सभी जलों को एक तरह के कलश में सील पैक किया गया है. छोटे-छोटे तांबे के कलश है. रामजन्म भूमि पर 23 अप्रैल को आयोजित होने वाले इस जलाभिषेक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित एक दर्जन से ज्यादा राजनयिक, साधु संत और 41 देशों के सनातनी हिंदू भी शामिल होंगे.
दुनिया के अलग-अलग नदियों से जल इकट्ठा करने में ना सिर्फ उस देश में रहने वाले भारतीय हिंदू समाज का योगदान है बल्कि मुस्लिम और ईसाइयों ने भी अपना योगदान दिया है. पाकिस्तान के हिंदुओं ने इसमें शामिल होने में अपनी लाचारी जताई और कहा कि वह यहां खतरे में पड़ जाएंगे . जल को आज दिल्ली से अयोध्या के लिए रवाना किया गया, पूजा पाठ कर बहुत सादगी से ट्रेन के जरिए अयोध्या जल को भेजा गया है सबसे ज्यादा दिक्कत पाकिस्तान से जल मंगाने में हुई है पाकिस्तान से रावी और सिंधु का जल दुबई होकर भारत पहुंचा है. अलग-अलग देशों के 6 राष्ट्र अध्यक्षों ने भी अपने संदेश जलाभिषेक के लिए भेजे हैं.
सीएम ने एक वीडियो ट्वीट कर इसकी सूचना दी
वहीं असम में कामाख्या कॉरिडोर बनाए जाने की तैयारी को लेकर असम के सीएम ने एक वीडियो ट्वीट कर इसकी सूचना दी है. इसमें मां कामाख्या देवी मंदिर के विकास की पूरी जानकारी दी गई है. वहीं केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को लेकर अच्छी खबर सामनेे आई है. बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार केदारनाथ धाम के कपाट एक महीने से ज्यादा दिनों तक खुले रहने वाले हैं. इस साल केदारनाथ धाम की यात्रा छह माह 20 दिन तक चलने वाली है.
Source : News Nation Bureau