कुछ दिनों पहले योगी सरकार ने कोर्ट के निर्देश के बाद धार्मिक स्थलों पर बजने वाले लाउडस्पीकर को लेकर अभियान चलाया था. इस अभियान के तहत बहुत सारे ऐसे धार्मिक स्थल थे, जिन्होंने अपनी लाउडस्पीकर को उतार भी लिया था. कुछ ऐसे धार्मिक स्थल थे, जिन्होंने अपने लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी थी. इसमें मंदिर और मस्जिद थे, लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया वैसे-वैसे मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज बढ़ती गई और इसको लेकर लखनऊ में रहने वाले कुछ लोगों ने नाराजगी जताना शुरू कर दिया है.
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योगी सरकार ने यह तय किया था कि जो लाउडस्पीकर है अगर वह धार्मिक स्थलों पर बज रहे हैं उनकी आवाज धार्मिक स्थल से बाहर नहीं आनी चाहिए. अगर लाउडस्पीकर बज भी रहे हैं तो उनका समय सुबह 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक होगा. लेकिन, जैसे जैसे वक्त गुजरता गया वैसे वैसे मस्जिदों की अजान की आवाज धीरे-धीरे बढ़ती गई और इसको लेकर लखनऊ के कई इलाकों में लोगों ने गुस्सा जताया. यह गुस्सा जायज भी है.
न्यूज नेशन ने रियलिटी चेक करने की कोशिश की. हम लखनऊ के विकास नगर इलाके में पहुंच गए, जहां पर एक मस्जिद से जो अजान हो रही थी, उसकी आवाज बाहर चौराहे तक आ रही थी. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या मस्जिदों पर सरकार और कोर्ट के बनाए हुए नियम लागू नहीं होते हैं. आखिर लोगों में इसको लेकर गुस्सा क्यों है?
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अब मुद्दा अजान का और मस्जिद का है तो राजनीति होना भी स्वाभाविक है. भारतीय जनता पार्टी ने जहां एक तरफ दावा किया है कि सरकार सख्ती से नियमों का पालन कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का यह कहना है कि दरअसल यह सरकार ही हिंदू मुसलमान के मुद्दे पर चल रही है.
Source : News Nation Bureau