गीता देवी ने किडनी दानकर अपने 21 वर्षीय बेटे सचिन को दूसरा जन्म दिया. सचिन किडनी की बीमारी से बहुत गंभीर रूप से पीड़ित था. किंग जार्ज हास्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मां-बेटा दोनों की हालत सामान्य है. निजी कंपनी में काम करने वाले हरदोई निवासी सचिन को करीब दो महीने पहले थकान, पेट में दर्द, फ्लूइड रिटेंशन, हाथ-पांव में एडिमा और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद केजीएमयू में भर्ती कराया गया था. जांच के दौरान सचिन को क्रोनिक किडनी रोग का पता चला. उसके दोनों गुर्दे सिकुड़ गए थे.
डॉक्टरों ने कहा कि केवल किडनी प्रत्यारोपण से ही सचिन की जान बच सकती है. इस पर गीता ने बेटे को किडनी दान करने की पेशकश की. सौभाग्य से दोनों की किडनी मेल खा गई. डॉक्टरों की एक टीम ने यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर एस.एन. शंखवार के नेतृत्व में शनिवार को छह घंटे की सर्जरी कर किडनी ट्रांसप्लांट किया. सर्जरी के लिए करीब 50 स्टाफ को लगाया गया.
प्रोफेसर शंखवार ने कहा, दाता और प्राप्तकर्ता दोनों निगरानी के लिए आईसीयू में हैं. गौरतलब है कि एक महीने में केजीएमयू में यह दूसरा किडनी ट्रांसप्लांट था.
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Source : IANS