उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्र बुधवार को समायोजन रद्द होने का एक साल पूरा होने के बाद काला दिवस मना रहे हैं। राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में राज्य भर के शिक्षा मित्र विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने सिर का मुंडन करवा रहे हैं। इसमें महिला शिक्षा मित्र भी शामिल हैं।
ईको गार्डन में भारी संख्या में पहुंचे शिक्षा मित्र विरोध प्रदर्शन के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। शिक्षा मित्रों की मांग है कि सरकार नया अध्यादेश लाकर उन्हें समायोजित करे ताकि शिक्षा मित्रों को पूरा वेतन मिल सके। बता दें कि समायोजन रद्द होने से पहले शिक्षा मित्रों को 40 हजार रूपये प्रति महीना वेतन मिलता था।
क्या था मामलाः
23 अगस्त 2010 को मनमोहन सिंह सरकार में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) लागू हुआ था जिसके बाद टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास करने के बाद ही कोई शिक्षा मित्र पूर्ण रूप से शिक्षक बन सकता है।
एनसीटीई के पैरा नंबर चार के नियमानुसार, कोर्ट ने टीईटी पास किए बिना शिक्षा मित्रों को शिक्षक मानने से इंकार कर दिया था। शिक्षा मित्रों की मांग है कि मोदी सरकार एनसीटीई के इसी पैरा चार में संसोधन कर शिक्षा मित्रों की राह आसान करें और समायोजन को रद्द करे।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने सूबे के 1 लाख 72 हजार शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक पद से समायोजन रद्द कर दिया था। समायोजन रद्द होने के बाद शिक्षा मित्रों ने सरकार का विरोध प्रदर्शन किया था जिसमें 700 से अधिक शिक्षा मित्रों की मौत भी हो चुकी थी।
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Source : News Nation Bureau