Advertisment

ज्ञानवापी मस्जिद पर मदनी बोले- सड़क पर प्रदर्शन से बचें  मुसलमान

ज्ञानवापी मस्जिद जैसे मुद्दे को सड़क पर न लाया जाए और सभी प्रकार के सार्वजनिक प्रदर्शनों से बचा जाए. इस मामले में मस्जिद इंतेजामिया कमेटी एक पक्षकार के रूप में विभिन्न अदालतों में मुकदमा लड़ रही है.

author-image
Pradeep Singh
New Update
gyanvapi masjid

ज्ञानवापी मस्जिद( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

ज्ञानवापी मस्जिद को बचाने के लिए मुस्लिम संगठन और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड गंभीरता से विचार कर रहा है. मुस्लिम संगठन और बुद्धिजीवी ज्ञानवापी का हस्र बाबरी मस्जिद जैसे होता नहीं देखना चाहते. ज्ञानवापी के मुद्दे पर सड़क पर धरना -प्रदर्शन करने की बजाए कानूनी जंग लड़ना चाहते है. मुद्दे को कैसे हैंडल किया जाए, इसको लेकर मुस्लिम संगठनों में मतभेद दिखने लगा है. जमीयत उलेमा ए हिन्द (महमूद मदनी ग्रुप) ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने प्रेस नोट जारी कर साफ कर दिया है कि ऐसे मामलों को लेकर सार्वजनिक प्रदर्शन करने से बचना होगा. 

प्रेस नोट में लिखा है कि ज्ञानवापी मस्जिद जैसे मुद्दे को सड़क पर न लाया जाए और सभी प्रकार के सार्वजनिक प्रदर्शनों से बचा जाए. उसी नोट में ये भी कहा गया है कि इस मामले में मस्जिद इंतेजामिया कमेटी एक पक्षकार के रूप में विभिन्न अदालतों में मुकदमा लड़ रही है. उनसे उम्मीद है कि वे इस मामले को अंत तक मजबूती से लड़ेंगे. देश के अन्य संगठनों से अपील है कि वे इसमें सीधे हस्तक्षेप न करें. जो भी सहायता करनी है, वह अप्रत्यक्ष रूप से इंतेजामिया कमेटी की की जाए. 

यह भी पढ़ें : श्रीलंका में ईंधन की किल्लत, अगले दो दिन नहीं मिलेगा Petrol

उलेमा, वक्ताओं और गणमान्य व्यक्तियों और टीवी पर बहस करने वालों से अपील है कि वह टीवी डिबेट और बहस में भाग लेने से परहेज करें. यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए सार्वजनिक डिबेट में भड़काऊ बहस और सोशल मीडिया पर भाषणबाजी किसी भी तरह से देश और मुसलमानों के हित में नहीं है.

अब जानकारी के लिए बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर मंगलवार को मौलाना राबे हसन नदवी के नेतृत्व में आपातकाली बैठक की थी. उस बैठक में बोर्ड से जुड़े देशभर के 45 सदस्य शामिल हुए थे, जिसमें तय हुआ कि बाबरी मस्जिद की तरह देश की दूसरी मस्जिदों को हाथ से नहीं जाने देंगे, वो चाहे काशी की ज्ञानवापी मस्जिद हो या फिर मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद.

Gyanvapi mosque maulana mahmood madani Jamiat-Ulama-I-Hind Avoid street demonstrations Asad Madni.
Advertisment
Advertisment
Advertisment