मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सबसे हॉट सीट रही भोपाल में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की जीत के लिए हवन करना महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद को महंगा पड़ गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने स्वामी वैराग्यानंद को निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया है. स्वामी वैरागानंद पंचायची अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर थे. महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद को मिर्ची बाबा के नाम भी जाना जाता है. उनके गुजरात और मध्य प्रदेश में आश्रम हैं.
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि स्वामी वैराग्यानंद का कार्य गलत था. उन्होंने साधु संतों की मर्यादा के खिलाफ आचरण किया. महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि वैराग्यानंद को अखाड़े के पंच परमेश्वर की बैठक के बाद निष्कासित किया गया है. उन्होंने कहा कि किसी के अहित के लिए पूजा कराना गलत.
बता दें कि स्वामी वैराग्यानंद ने इस लोकसभा चुनाव में साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) की जीत के लिए लाल मिर्च का हवन किया था. साथ ही उन्होंने यह प्रतिज्ञा ली थी कि यदि भोपाल से दिग्विजय हारते हैं तो वो हवन कुंड में ही समाधि ले लेंगे. इसके अलावा उन पर राजनीतिक बयानबाजी करने के भी आरोप लगे थे.
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मालूम हो कि भोपाल (Bhopal) से कांग्रेस ने जब दिग्विजय सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था तो बीजेपी ने उन्हें टक्कर देने के लिए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को टिकट दिया था. 23 मई को आए चुनाव के नतीजे में दिग्विजय सिंह को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 3 लाख 64 हजार वोटों से हराया है.
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