महंत नरेंद्र गिरि डेथ केस: जानिए कितने की है श्री मठ बाघम्बरी की कुल संपत्ति, पढ़ें खबर

महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के पीछे श्रीमठ बाघम्बरी की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति को प्रमुख कारण माना जा रहा है। श्री मठ बाघम्बरी गद्दी की संपत्ति प्रयागराज के अलावा विभिन्न प्रदेशों में फैली है, जिसकी कीमत लगभग हज़ार करोड़ से अधिक बताई जाती है

author-image
Mohit Sharma
एडिट
New Update
Shri Math Baghambari

Shri Math Baghambari( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के पीछे श्रीमठ बाघम्बरी की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति को प्रमुख कारण माना जा रहा है. श्री मठ बाघम्बरी गद्दी की संपत्ति प्रयागराज के अलावा विभिन्न प्रदेशों में फैली है, जिसकी कीमत लगभग हज़ार करोड़ से अधिक बताई जाती है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष होने के नाते नरेंद्र गिरि का व्यक्तित्व प्रभावशाली था. हर प्रदेश की सरकार में उनका सम्मान रहा है. इसी कारण उन्हें रास्ते से हटाने के लिए साजिश रची गई. इसमें नरेंद्र गिरि के करीबी लोगों के शामिल होने का कयास लगाया जा रहा है। फिलहाल अभी कोई किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहा है.

यह भी पढ़ें  : नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का ट्वीट- पंजाब के लिए फिट नहीं हैं वे

महंत नरेंद्र गिरि 2004 में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर बने. इसके बाद उन्होंने मठ से जुड़ी संपत्तियों पर नजर रखनी शुरू कर दी. मठ की कुछ जमीन को बेचकर भारद्वाजपुरम् (अल्लापुर) में भव्य भवन बनवाया. मठ लगभग 10 एकड़ में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी बना है। इसी परिसर में महंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय है जहां विद्यार्थियों को निश्शुल्क संस्कृत, वेद व ज्योतिष की शिक्षा दी जाती है. मठ के अंदर गोशाला, खेत भी है, जिसकी कीमत दो सौ करोड़ से अधिक है. इसके अलावा मुट्ठीगंज मोहल्ला में मठ का भवन है. लेटे हनुमान मंदिर का संचालन बाघम्बरी गद्दी के जरिए होता है. जिसकी मासिक आमदनी 15 से 20 लाख रुपये मासिक है लेकिन माघ और कुंभ मेलों के दौरान यही आमदनी 40 से 50 लाख महीने तक हो जाती है .

 बाघम्बरी मांडा में राजा मांडा कोठी के पास लगभग 20 बीघे  एकड़ जमीन है. वहीं, शंकरगढ़ में 12 बीघे जमीन है। कुछ जमीनों में सिलिका सेंड भी निकलता है. इन सबकी कीमत चार सौ करोड़ से अधिक बताई जाती है. इसके अलावा हरिद्वार, उज्जैन व नासिक में बाघम्बरी गद्दी के दर्जनभर आश्रम व मंदिर हैं. इनकी कीमत मौजूदा समय अरबों रुपये की है. श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के नये महंत बलवीर गिरी अब निरंजनी अखाड़ा की सुपरवाइजरी बोर्ड की निगरानी में काम करेंगे. महंत की हैसियत सिर्फ प्रबंधक की रहेगी. जो मठ से जुड़ी संपत्तियों की देखरेख कर सकेंगे, लेकिन उसे बेचने का अधिकार नहीं होगा. महंत की हर कार्यप्रणाली पर पांच सदस्यीय बोर्ड की पैनी नजर रहेगी. नियम विरुद्ध काम करने पर बोर्ड के पास महंत को हटाने का अधिकार रहेगा.

यह भी पढ़े- गोरखपुर कांड: सीएम योगी आदित्यनाथ आज मृतक मनीष के परिजनों से कर सकते हैं मुलाकात

श्रीनिरंजनी अखाड़ा ने बाघम्बरी गद्दी से जुड़ी संपत्तियों को संरक्षित करने के लिए ऐसा निर्णय लिया है। बाघम्बरी गद्दी के नए महंत का पट्टाभिषेक 5 अक्टूबर को होना है. श्री मठ बाघम्बरी गद्दी श्रीनिरंजनी अखाड़ा की सुपरवाइजरी बोर्ड की देखरेख में ही काम करता था, लेकिन नरेंद्र गिरि ने अपने प्रभाव से उसे खत्म करवा दिया था. इसके बाद उन्होंने मठ की कुछ जमीन बेच दिया, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था. भविष्य में ऐसा न होने पाए उसके लिए श्रीनिरंजनी अखाड़ा बोर्ड को पुन: अस्तित्व में लाने की तैयारी कर रहा है. अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी का कहना है कि सुपरवाइजरी बोर्ड का काम श्री मठ बाघम्बरी गद्दी का विकास करना होगा, जो महंत के साथ मिलकर काम करेगा. महंत के हर काम में बोर्ड की नजर रहेगी। बोर्ड के पास महंत के निर्णय को बदलने का अधिकार भी रहेगा.

mahant narendra giri death case
Advertisment
Advertisment
Advertisment