मालिनी अवस्थी बोलीं- बच्चों को Nanny की जगह Granny के साथ रखना सही

भारतीय लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने योगी सरकार के चार साल पूरा होने पर आयोजित न्यूज स्टेट के कॉन्क्लेव में कहा कि बच्चों को Nanny की जगह Granny के साथ रखना सही है. बड़े-बूढ़ों का साथ बहुत जरूरी है. मेरे लिए मंदिर बनते देखना अलग अहसास हुआ.

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Deepak Pandey
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Malini Awasthi

भारतीय लोक गायिका मालिनी अवस्थी( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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भारतीय लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने योगी सरकार के चार साल पूरा होने पर आयोजित न्यूज स्टेट के कॉन्क्लेव में कहा कि बच्चों को Nanny की जगह Granny के साथ रखना सही है. बड़े-बूढ़ों का साथ बहुत जरूरी है. मेरे लिए मंदिर बनते देखना अलग अहसास हुआ. साल 2020 बहुत कुछ सिखा कर गया, आत्मनिर्भर बनने का संदेश देकर गया. साल 2020 समाज के रूप में एक गेमचेंजर रहा है. ये साल भारत के लिए बहुत बुरा होते हुए भी काफी अच्छा रहा है, क्योंकि इस साल भारत एक खतरनाक महामारी से सुरक्षित बाहर निकल कर आया. भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है, 5 राज्यों में चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. इसके बावजूद देश में कहीं भी अफरा-तफरी का माहौल नहीं है

न्यूज नेशन के वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया के सवालों का जवाब देती हुईं मालिनी अवस्थी ने कहा कि वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर भारत की तैयारी शानदार है. कोरोना काल में उत्तर प्रदेश की सभी जनता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की तस्वीर को बदल कर रख दिया. अगर भगवान राम को वनवास न मिलता तो क्या राम, राम होते. उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल में प्रवासियों के पलायन के दौरान उत्तर प्रदेश में एक भी अप्रिय घटना नहीं हुई.

मालिनी अवस्थी ने आगे कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के समय पुलिसकर्मियों ने एक सच्चे मित्र की तरह मदद की. साथ ही लॉकडाउन के समय पुलिसकर्मियों ने घर-घर राशन और दवाइयां पहुंचाईं. कोरोना काल में उत्तर प्रदेश के प्रवासियों की सुविधाओं के लिए प्रशासन ने अद्भुत काम किया. प्रशासन ने प्रवासियों के भोजन, इलाज, क्वारंटीन जैसे जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराईं. उत्तर प्रदेश सनातन विचारों का केंद्र है.

उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने भगवान श्रीराम के जन्मस्थान को लेकर आपत्ति रखी, असम्मान रखा, आज वे पछताते होंगे. कोरोना काल में हमने मांग-मांग कर काढ़ा पिया, लेकिन हमारे सभी आयुर्वेदिक चीजों का उपहास होता है. शर्म आनी चाहिए कि अमेरिका ने उस दातून का पेटेंट करा लिया, जिसका यहां उपहास होता है. आजादी के बाद से हमें अपने मूल्यों के साथ आगे बढ़ना चाहिए था, लेकिन हम इस तरह से आगे बढ़े कि हम दूसरों का पहनावा, बोली अपनाने लगे. 

मालिनी अवस्थी ने आगे कहा कि हमारे देश में गर्व करने के लिए केवल भगवान राम ही नहीं बल्कि कई महान शख्सियत हैं. हमें किसी दूसरे को देखकर आगे बढ़ने की जरूरत नहीं है. भगवान राम के विरोधियों को इंडोनेशिया के लोगों से सीख लेनी चाहिए. इंडोनेशिया के मुस्लिम लोगों ने कहा था कि राम हमारी संस्कृति है. बाहर देश के मुस्लिम लोग भगवान राम को अपनी संस्कृति मान रहे हैं, लेकिन हमारे देश के लिए लोग राम को संस्कृति नहीं मान रहे हैं. लोगों में जानबूझकर डर और हीनभावना पैदा की गई.

भारतीय लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने आगे कहा हमारी आने वाली पीढ़ियां 2014 के बाद के समय को भारत के पुनर्जागरण युग के रूप में जानेंगी और पढ़ेंगी. सनातन धर्म पर चर्चा हो रही है, मंदिरों पर चर्चा हो रही है, गुमनाम हो चुके मंदिरों को सामने लेकर आ रहे हैं, भारतीय पर्व और त्योहारों पर चर्चा कर रहे हैं. हम पहली बार इस तरह की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, हमारे पूर्वज हमेशा से ही ऐसी चुनौतियों का सामना करते आए हैं. मालिनी अवस्थी ने आगे कहा कि हमारे पूर्वजों ने आहार के रूप में सभी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का तोड़ निकाल लिया था. हम अपने भोजन की वजह से ही कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी से बचे रहे हैं.

Source : News Nation Bureau

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