कानपुर का एक कॉल सेंटर कर्मचारी यहां नाका हिंडोला इलाके में एक होटल के कमरे में लटका मिला. कथित तौर पर व्यक्ति द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में कहा गया है कि उसका शरीर संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) को सौंप दिया जाना चाहिए, न कि उसके परिवार को. मृतक की पहचान 28 वर्षीय आशीष कुमार के रूप में हुई है, जिसने सोमवार रात होटल में चेक इन किया था. जब वह 24 घंटे से अधिक समय तक कमरे से बाहर नहीं आया, तो होटल के कर्मचारी जांच करने गए लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया.
उन्होंने खिड़की से झांका और उसे लटका हुआ देखा. इसके बाद कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी. नाका पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ), बृजेश द्विवेदी ने कहा, पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. आकस्मिक साक्ष्य ने सुझाव दिया कि कुमार ने बिस्तर को एक तरफ स्थानांतरित कर दिया था और फिर एक कुर्सी पर चढ़कर खुद को छत के पंखे पर एक चादर से बने फंदा के साथ लटका लिया.
पोस्टमॉर्टम जांच में मौत का कारण फांसी के कारण दम घुटने के रूप में सामने आया. कुमार के पिता ने पुष्टि की है कि नोट पर लिखावट उनके बेटे की थी. नोट में कहा गया है कि उनकी मौत के लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है और उसके शरीर को परिवार को नहीं दिया जाना चाहिए और इसके बदले एसजीपीजीआई को सौंप दिया जाए. जबकि परिवार आत्महत्या के पीछे के कारण के बारे में चुप्पी साधे हुए है, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे इस कारण की जांच करेंगे कि मृतक ने अपने परिवार को शव देने से इनकार क्यों किया था.
Source : IANS